बीजेपी के 'पीएम इन वेटिंग' नरेंद्र मोदी एक बार फिर बिहार में हैं. मोदी पटना में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के कुछ पीड़ित परिवारों से मिलकर अब पटना लौट चुके हैं. मदद के बहाने सियासत के आरोपों के बीच मोदी ने कहा कि वे पीड़ितों का दर्द बांटने आए हैं.
इससे पहले, नरेंद्र मोदी का काफिला दिन में कैमूर पहुंचा. कैमूर के विकास नाम के एक नौजवान की पटना रैली में मौत हो गई थी. मोदी ने विकास के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी. मोदी को इससे आगे गोपालगंज भी जाना था, लेकिन खराब मौसम के कारण वहां उनका हेलीकॉप्टर नहीं उतर सका. इसके बाद वे पटना लौट गए.
कैमूर से पहले नरेंद्र मोदी गौरीचक पहुंचे थे. वहां मृतक राजनारायण के परिवारवालों से मोदी ने मुलाकात की और पांच लाख रुपये का चेक भी सौंपा. बीजेपी पटना ब्लास्ट के मृतकों के परिजनों को मदद के तौर पर 5-5 लाख रुपये दे रही है.
पहले से तय कार्यक्रम के मुताबिक मोदी सुपौल, बेगूसराय और फिर नालंदा में पीड़ित परिवारों के जख्मों पर मरहम लगाएंगे.
पटना में 5 दिनों पहले नरेंद्र मोदी भाषण दे रहे थे और धमाके हो रहे थे. लेकिन धमाकों के शिकार लोगों के परिजनों से मिलने की सुध मोदी को 5 दिनों बाद आई. दरअसल, जब सियासत गरमाई, सवाल खडे़ हुए, तो मोदी ने पटना का रुख किया और पहुंच गए मरमह लगाने.
नरेंद्र मोदी एक हफ्ते में दूसरी बार बिहार पहंचे हैं. पहली बार की तरह इस बार का दौरा भी सियासी है. लेकिन सियासत का तरीका थोड़ा अलग है.
रैली के दौरान हुए थे धमाके
वो तारीख थी 27 अक्टूबर. मोदी की रैली से पहले और रैली के दौरान एक के बाद एक सात धमाके हुए. रैली की जगह गांधी मैदान के चारों ओर छह धमाके हुए. लेकिन न मोदी की रैली रुकी, न उनका भाषण थमा. सीरीयल धमाकों में 6 लोगों की मौत हो गई. लेकिन मोदी ने रैली के दौरान संवेदना नहीं जताई. हालांकि रैली के बाद ट्विटर पर मोदी ने धमाके का शिकार हुए लोगों के प्रति सहानुभूति जताई. तब तक विरोधियों को निशाना साधने का मौका मिल चुका था.
जब मोदी पर चौतरफा हमले शुरू हुए, सवाल खड़े किए गए कि धमाके में मारे गए लोगों के लिए पटना रैली के दौरान उन्होंने चुप्पी क्यों साधी, तब आनन-फानन में बीजेपी ने मोदी के मरहम दौरे का ऐलान किया.
बहरहाल, मोदी एक बार फिर से नीतीश कुमार के शासन वाले बिहार में हैं. मकसद एक तीर से कई निशाना साधने का है. वोट बैंक की सियासत तो है ही. मोदी शायद नीतीश को यह संदेश भी देना चाहते हैं कि बिहार उनके एजेंडे में सबसे ऊपर है.
मोदी से है मदद की आस
खास बात यह है कि पीड़ित परिवारों को भी मोदी से मदद का इंतजार है. पीड़ित परिवारों का कहना है कि वो मोदी से अपनी मदद और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा की मांग करेंगे. सवाल यह है कि जितना दर्द और गम धमाकों में मारे गए लोगों के परिजनों को मिला है, क्या उस पर मोदी का मरहम कारगर साबित होगा?