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घोड़ासाहन केस को NIA ने माना आतंकी कार्रवाई, रेल हादसों के पीछे साजिश के मिले सबूत

NIA ने घोड़ासाहन मामले को आतंकी साजिश मानते हुए पटना के विशेष एनआईए कोर्ट में मामला दर्ज कराया है ताकि अभियुक्तों को रिमांड पर लेकर उनसे गहन पूछताछ की जा सके.

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 NIA ने केस दर्ज कराया
NIA ने केस दर्ज कराया

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बिहार के घोड़ासाहन में ट्रेन उड़ाने की आईएसआई की कोशिश भले ही विफल रही, लेकिन इस घटना ने जांच एजेंसियों की रेलवे सुरक्षा को लेकर चिंता जरूर बढ़ा दी है. राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआईए) इस मामले की गंभीरता से जांच कर ही रही है, साथ ही हाल के दिनों में कानपुर और आंध्र प्रदेश में हुई रेल दुर्घटनाओं में आईएसआई की साजिश का पता लगाने में जुट गई है.

NIA ने घोड़ासाहन मामले को आतंकी साजिश मानते हुए पटना के विशेष एनआईए कोर्ट में मामला दर्ज कराया है ताकि अभियुक्तों को रिमांड पर लेकर उनसे गहन पूछताछ की जा सके. रविवार को NIA की एक टीम ने आदापुर में आईएसआई एजेंटों द्वारा मौत के घाट उतारे गए चाचा-भतीजे दीपक राम और अरुण राम के परिजनों से पूछताछ करने पहुंची.

ट्रैक पर बच्चों ने देखा कुकर बम
दीपक राम और अरुण राम घोड़ासाहन के रेलवे ट्रैक पर बम लगाने वाले दो अपराधी थे. 30 सितंबर 2016 की रात में इन्होंने ट्रैक पर बम लगाया. उस दौरान दो मालगाड़ी और एक पैसेंजर ट्रेन ट्रैक से गुजरी, लेकिन विस्फोट नहीं हो सका. सुबह में पास के स्कूल के मैदान में खेल रहे बच्चों ने ट्रैक पर कुकर बम देखा, तो लाल टीशर्ट लहरा कर रक्सौल की तरफ से आ रही एक पैसेंजर ट्रेन को रुकवाया. बाद में पुलिस और बम निरोधक दस्ते ने बम को निष्क्रिय किया. 28 दिसंबर को दीपक राम और अरुण राम की हत्या नेपाल में कर दी गई.

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विस्फोट ना होने से की गई हत्या
परिजनों की शिकायत पर पुलिस जब जांच करने पहुंची तो पता चला कि ट्रैक पर विस्फोट नहीं होने के कारण आईएसआई एजेंटों ने उनकी हत्या कर दी क्योंकि इन्होंने ट्रेन उड़ाने के लिए 3 लाख की सुपारी ली थी. पुलिस ने जांच के बाद हत्या के आरोप में मोतिहारी से तीन लोग और नेपाल से तीन अपराधी पकड़े गए. जांच से पता चला कि इसके तार दुबई से जुड़े हुए हैं. समशुल होदा ने ट्रेन उड़ाने के लिए नेपाल के बारा जिले के रहने वाले ब्रज किशोर गिरी को जिम्मेदारी सौंपी थी. ब्रज किशोर ने अपने अन्य गुर्गों के साथ गजेंद्र शर्मा को ये जिम्मेदारी. उसने दीपक और अरुण से संपर्क किया.

दो फरार आरोपियों की तलाश जारी
इस मामले में कुल 10 अभियुक्त हैं, जिसमें से दो की हत्या कर दी गई है. तीन को मोतिहारी पुलिस ने गिरफ्तार किया है और तीन नेपाल जेल में हैं. दो आरोपी गजेंद्र शर्मा और राकेश यादव अभी भी फरार हैं. पुलिस इनकी तलाश में लग गई है. माना जा रहा है कि इनकी गिरफ्तारी के बाद कुछ और खुलासे हो सकते हैं.

सर्जिकल स्ट्राइक के एक दिन बाद रची गई साजिश
मोतिहारी पुलिस के हत्थे चढ़े मोती पासवान, उमाशंकर पटेल और मुकेश यादव में से मोती पासवान ने पूछताछ के दौरान कानपुर में हुई इंदौर-पटना एक्सप्रेस की दुर्घटना का जिक्र किया था. NIA को कई टेक्निकल सबूत भी मिले हैं, जिससे लगता है कि रेल दुर्घटनाओं के पीछे आईएसआई का हाथ हो सकता है. भारत ने 29 सितंबर को पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक किया था. उसके ठीक एक दिन बाद 30 सितंबर की रात और 1 अक्टूबर की सुबह के बीच ट्रेन उड़ाने की साजिश रची गई थी.



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