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'दोगुना-तिगुना तो ब्याज ही दे दिया', नवादा में एक साथ पांच लोगों के जान देने की दर्दभरी कहानी

बिहार के नवादा में एक परिवार के पांच लोगों ने जहर खाकर जान दे दी थी. अब सुसाइड नोट सामने आया है, जिसमें केदार लाल गुप्ता ने लिखा, 'मैं अपने आप और महाजन के कर्ज से तंग आ चुका हूं, मैंने महाजन से जितना 4 से 5 साल में लिया उससे दोगुना-तिगुना ब्याज के रूप में दे चुका हूं.'

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परिवार के 6 सदस्यों ने खाया था जहर, एक लड़की की बच गई जान
परिवार के 6 सदस्यों ने खाया था जहर, एक लड़की की बच गई जान

बिहार के नवादा में कर्ज के बोझ के तले दबे एक परिवार के पांच लोगों ने आत्महत्या कर ली. इस आत्महत्या के पीछे की पूरी कहानी एक सुसाइड नोट के जरिए बाहर आ गई है. यह सुसाइड नोट 8 नवंबर को परिवार के मुखिया केदार लाल गुप्ता ने लिखी. इस सुसाइड नोट में उनकी बेबसी साफ नजर आ रही है कि कैसे कर्ज के नाम पर उन्हें परेशान किया जा रहा था.

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सुसाइड नोट में केदार लाल गुप्ता ने लिखा, 'मैं अपने आप और महाजन के कर्ज से तंग आ चुका हूं, मैंने महाजन से जितना 4 से 5 साल में लिया उससे दोगुना-तिगुना ब्याज के रूप में दे चुका हूं, फिर भी उन लोगों ने मुझे पूरी तरह से बेबस कर दिया है, मैं बार-बार उन लोगों से 6 महीने का समय मांग रहा हूं, लेकिन वह मान नहीं रहे हैं.'

दो पन्ने के सुसाइड नोट में केदार लाल गुप्ता ने लिखा, 'शहर के न्यू एरिया मोहल्ले के मनीष सिंह, विकास सिंह, विजय सिंह, टुनटुन सिंह खटाल, डॉ. पंकज सिन्हा और गढ़ पर मोहल्ला के रणजीत सिंह से उन्होंने कर्ज लिया था, इन लोगों ने 5 साल में मुझे पूरी तरह बर्बाद कर दिया. इन्होंने नवादा में कई लोगों को बर्बाद कर दिया, यह समाज के दीमक हैं.'

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सुसाइड नोट

गौरतलब है कि नवादा नगर थाना क्षेत्र के न्यू एरिया मोहल्ला निवासी केदार लाल गुप्ता ने बुधवार की देर रात अपनी पत्नी और 4 बच्चे समेत जहर खा लिया था. परिवार के पांच सदस्यों की मौत हो गई, वहीं एक बेटी की हालत गंभीर बनी हुई है. उसका इलाज पटना के हॉस्पिटल में चल रहा है.

मरने वालों में से घर के मुखिया केदार लाल गुप्ता, पत्नी अनिता कुमारी और तीन बच्चे प्रिंस कुमार, शबनम कुमारी और गुड़िया कुमारी शामिल हैं, जबकि एक बेटी साक्षी की हालत गंभीर बनी हुई है. केदार लाल गुप्ता शहर के विजय बाजार में फल का दुकान चलाते थे और उन पर काफी कर्ज था. कर्ज को लेकर उन्हें काफी प्रताड़ित किया जा रहा था.

इससे तंग आकर शहर की एक मजार के पास जाकर सभी ने जहर खा लिया. जहर खाने के बाद केदार लाल गुप्ता की हालत थोड़ी सही थी. उनसे जब पूछा गया कि जहर क्यों खाया? तो केदार लाल गुप्ता ने कहा कि परिवार पर 10-12 लाख रुपये का कर्ज था, परिवार ने राजी खुशी होकर जहर खा लिया. इसके बाद केदार लाल गुप्ता को अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई.

रिपोर्ट- प्रतीक भान सिंह

 

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