बिहार के लखिसराय से नक्सलियों द्वारा दो रेलवे कर्मचारियों के अपहरण मामले में अभी तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है. नक्सलियों ने धमकी दी है कि अगर किउल और जमालपुर के बीच रेलवे ने ट्रेन का परिचालन किया तो वो दोनों कर्मचारियों को मार देंगे. 19 दिसबंर की आधी रात को नक्सलियों ने लखीसराय जिले के मसूदन हॉल्ट पर हमला का रेलवे के कंट्रोल पैनल को आग लगा दी थी और सहायक स्टेशन मास्टर मुकेश कुमार और पोर्टर नीरेंद्र मंडल को अगवा कर लिया.
पुलिस दोनों रेलवे कर्मचारियों के सकुशल बरामदगी के लिए लगातार छापेमारी कर रही है. बिहार पुलिस के एडीजी हेडक्वार्टर एस.के सिंघल ने बताया कि रात में करीब 11.30 बजे नक्सलियों ने मसूदन हॉल्ट पर हमला कर दिया और दो रेलवे कर्मचारियों को अगवा कर जंगल की तरफ ले गए. नक्सली बिहार और झारखंड में उनके खिलाफ हो रही ऑपरेशन हंट और पुलिसिया कार्रवाई के खिलाफ 48 घंटे के बंद का ऐलान किया था जो 19 दिसबंर की आधी रात से शुरू हुआ.
सैकड़ों की संख्या में आए नक्सलियों ने हॉल्ट पर हमला कर कंट्रोल पैनल को आग के हवाले कर दिया फिर कर्मचारियों को बंधक बनाकर अपने साथ ले गए. नक्सलियों के दस्ते में महिलाएं भी दिखीं. एस.के सिंघल ने बताया कि नक्सलियों के बंद को देखते हुए अलर्ट जारी किया गया था लेकिन मसूदन हॉल्ट छोटा स्टेशन है इसलिए नक्सलियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए इस घटना को अंजाम दिया है.
बिहार का लखीसराय जिला उग्रवाद प्रभावित जिला है और इस जिले में नक्सली घटनाओं को अंजाम देते रहते हैं. अपनी उपस्थिति दर्ज करने के लिए उन्होंने सबसे कमजोर टारगेट को चुना है. पुलिस दोनों रेलवे अधिकारियों के सर्च ऑपरेशन में लगी हुई है. सीआरपीएफ बिहार पुलिस कमांडो एसटीएफ की टीमें दोनों की खोजबीन में लगी हुई है. एसपी लखीसराय और एसआरपी जमालपुर के साथ-साथ आईजी ऑपरेशन और आईजी रेल घटनास्थल पर कैंप कर रहे हैं.
उन्होंने बताया कि पिरिबाजार थाने के अंर्तगत आने वाले एक-एक पहाड़ को छाना जा रहा है. हालांकि रात 3 बजे सीआरपीएफ और एसटीएफ ने मसूदन हॉल्ट को कब्जे में लेकर ट्रेन का परिचालन शुरू करा दिया था लेकिन उसके बाद नक्सलियों ने अगवा सहायक स्टेशन मास्टर को फोन से धमकी दी कि अगर रेलवे परिचालन शुरू हुई तो वो अगवा किए दोनों रेलवे कर्मचारियों की हत्या कर देंगे. इसलिए फिलहाल इस रूट पर परिचालन बंद है. एडीजी ने कहा कि रेलवे कर्मचारियों की सुरक्षित बरामदगी के लेकर तमाम कोशिशें की जा रही हैं.
एस के सिंघल, एडीजी हेडक्वार्टर पटना, ने कहा कि नक्सली ऑर्गेनाईजेशन ने 48 घंटे बंद का कॉल दिया था जो उनके खिलाफ ऑपरेशन चल रहे हैं उसके विरोध में और वो स्टार्ट होना था 19 तारीख को रात 12 बजे. तो 19 तारीख को ही 11:30 बजे 5-6 नक्सली मसूदन हॉल्ट पर पहुंचे और असिस्टेंट स्टेशन मास्टर मुकेश पासवान और एक पोर्टर नीरेंद्र मंडल को अपने साथ ले गए और उन्होंने धमकी भी दी.
उन्होंने कहा कि अभी हमारी टॉप प्रायोरिटी है कि अगवा किए गए दोनों शख्स को सकुशल बरामद कर लिया जाए. इस बात के मद्देनजर सीआरपी का कोबरा का बटालियन एसएसबी और एसटीएफ फोर्स और जिला बल सब मिल कर इलाके की घेराबंदी कर जंगल को छान रहे हैं ताकि अपहरण किए गए दोनों सरकारी लोगों को सकुशल बरामद कर सकें.
नक्सलियों के खिलाफ लगातार ऑपरेशन्स चल रहे हैं ऑपरेशन की ताकत जब बढ़ जाती है तो नकसीलियों को नुकसान होता है, तो वह अपनी मौजूदगी दिखाने के लिए इस तरह की घटनाओं को अंजाम देते है.