बिहार विधानसभा में दूसरे दिन भी मंत्री अब्दुल जलील मस्तान को बर्खास्त करने की मांग को लेकर हंगामा होता रहा. जलील मस्तान ने हालांकि माफी मांग ली थी लेकिन इसके बावजूद बीजेपी उनको बर्खास्त करने पर अड़ी हुई है. उसने राज्यपाल से मुलाकात कर इस मामले में दखल देने की मांग की.
बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का कहना है कि उत्तर प्रदेश चुनाव की वजह से बीजेपी इस मामले को तूल दे रही है. अब्दुल जलील मस्तान ने कहा कि माफी तो मांग ली है अब क्या फांसी चढाएंगे. बिहार के उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री मस्तान के एक वायरल वीडियो में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर न सिर्फ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया गया था बल्कि उनके समर्थकों ने नोटबंदी के खिलाफ उनकी तस्वीर पर जूते मारते भी नजर आ रहे थे. ये सब मंत्री के सामने पूर्णिया की एक रैली में हुआ था.
बिहार के मद्य निषेध मंत्री अब्दुल जलील मस्तान का ये वीडियो दूसरे दिन भी बिहार में सियासी पारे को गर्म करता रहा. विधानसभा और विधान परिषद को दोनों सदनों में एनडीए ने हंगामा किया और सदन को नहीं चलने दिया. विधानसभा अध्यक्ष के लाख कोशिशों के बावजूद बीजेपी और एनडीए के सदस्य बेल में आकर नारेबाजी करते रहे.
विपक्ष के तेवर से सहमे जलील
विपक्ष आसन के सामने नारे लगा रहा था कि प्रधानमंत्री का अपमान नहीं सहेगा हिन्दुस्तान. विपक्ष मंत्री को बर्खास्त करने की मांग पर अड़ा रहा. अब्दुल जलील मस्तान विपक्ष के इस तेवर से सहमे हुए तो थे लेकिन उन्होंने कहा कि अब माफी मांग ली है, क्या फांसी पर चढाएंगे. उन्होंने कहा कि केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कई बार ऐसे बयान दिए उन्हें क्यों नहीं बर्खास्त किया गया.
कांग्रेस कोटे के मंत्री हैं जलील
आपको बता दें कि अब्दुल जलील मस्तान कांग्रेस कोटे से मंत्री हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले ही उनके बयान की निंदा कर चूके हैं अब सारा दारोमदार कांग्रेस आलाकमान पर है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और बिहार के शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने बयान को गलत तो बताया लेकिन बर्खास्ती से उन्हें एतराज है. उनका कहना है कि मंत्री ने माफी मांग ली है. उन्होंने बीजेपी के पुराने बयानों का उदाहरण देते हुए कहा कि बीजेपी के नेताओं ने कई बार कांग्रेस के नेताओं का अपमान किया है.
एनडीए झुकने को तैयार नहीं
एनडीए को इन तर्कों से कोई मतलब नहीं है वो सिर्फ बर्खास्तगी चाहती है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा कोई निर्णय नहीं लेने से नाराज एनडीए के नेताओं ने राजभवन मार्च किया और राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा. पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी का कहना है कि अब्दुल जलील मस्तान ने जो किया उसे क्षमा नहीं किया जा सकता है. माफी उसे दी जाती है जो स्लीप ऑफ टंग हो. उन्होंने कांग्रेस के नेताओं से अपील की कि मस्तान को न सिर्फ बर्खास्त किया जाए बल्कि उन्हें कांग्रेस पार्टी से भी निकाला जाए.
लालू भी नाराज
मस्तान के बयान पर आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव भी नाराजगी जता चुके हैं. उन्होंने कहा कि कार्रवाई कांग्रेस को करनी चाहिए. लेकिन उनके बेटे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का रूख कुछ अलग है उन्होंने कहा कि वो बयान की निंदा कर चुके हैं. मंत्री भी इस्तीफा मांग चुके हैं. लेकिन विपक्ष कुछ सुनने को तैयार नहीं है. उनका आरोप है कि उत्तर प्रदेश चुनाव की वजह से इस मामले को और तूल दिया जा रहा है ताकि वहां वोटों का ध्रुवीकरण हो सके.
सदन के अंदर बाहर सब जगह हंगामा
बहरहाल अब्दुल जलील मस्तान के वायरल वीडियो से न सिर्फ सदन के अंदर बल्कि बाहर भी हंगामा मचा हुआ है. कई जगहों पर मस्तान का पुतला फूंका गया. पटना के कोतवाली थाने में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई. बीजेपी के विधायक नितिन नवीन ने उन पर देश द्रोह का मुकदमा दर्ज कराया है. इस हंगामे की वजह से पिछले दो दिनों से विधानसभा नहीं चल पा रही है.