बिहार 12वीं टॉपर से जुड़े 'आज तक' पर खुलासे के बाद रोज-रोज नए तथ्य सामने आ रहे हैं. फजीहत से बचने के लिए बिहार बोर्ड ने टॉपरों के नतीजों पर रोक लगा दिया है. साथ ही पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं. लेकिन जिस तरह बिहार में शिक्षा माफिया का खेल सामने आ रहा है वो बेहद चौंकाने वाला है.
रूबी के पिता भी रिजल्ट से हैरान
आर्ट्स से टॉपर रूबी राय के पिता भी अब नतीजों पर हैरानी जता रहे हैं. चौंकाने वाली बात ये है कि महज दो साल रूबी के दसवीं के नतीजे बेहद खराब रहे थे और उसने सेकेंड क्साल से दसवीं की परीक्षा पास की थी. रूबी ने जिस स्कूल से दसवीं पास की उसके प्रिंसिपल की मानें तो रूबी बेहद साधारण छात्रा थी और उन्हें भी नतीजों पर हैरानी हो रही है.
साइंस से टॉपर के पड़ोसी का बड़ा खुलासा
इसके अलावा साइंस से टॉपर सौरभ के पड़ोसी भी हैरान हैं. सौरभ के पड़ोसी ने जो खुलासा किया है वो बेहद हैरान करने वाला है. पड़ोसी का दावा है कि सौरभ पिछले साल CBSE से 12वीं की परीक्षा में फेल हो गया था. जिसके बाद महज टॉप करने के लिए विशुनदेव राय कॉलेज से इसने परीक्षा दी और अब टॉप कर गया. हालांकि इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. लेकिन ये गंभीर जांच का विषय है.
शिक्षा मंत्री ने कहा- हुई है चूक
इस बीच बिहार सरकार में शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने माना है कि व्यवस्था में कहीं न कहीं चूक हुई है जिसने सरकार की विश्वसनीयता पर धब्बा लगा दिया. मंत्री ने कहा कि एक सप्ताह के अंदर पूरे मामले की जांच कर ली जाएगी और जो भी दोषी पाए जाएंगे उन पर शख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा, 'हम मानते हैं कि एक-दो केस में चूक हुई लेकिन इससे पूरे परीक्षा परिणाम पर सवालिया निशान नहीं लगाया जा सकता है.'
3 जून को रिव्यू एग्जाम की तैयारी
गौरतलब है कि सोमवार को 'आज तक' ने इंटरमीडिएट में टॉप करने वाले छात्रों की असलियत दिखाई थी कि किस तरह उन्हें अपने विषय की बेसिक जानकारी भी नहीं है. जिसके बाद शासन-प्रशासन की नींद टूटी और तत्काल जांच के आदेश दिए गए. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने 3 जून को इनका रिव्यू एग्जाम कराने का भी आदेश दिया है. इस दौरान विषय के विशेषज्ञ छात्रों की परीक्षा लेंगे.
विषय का नाम भी नहीं बता पाई टॉपर
बिहार इंटरमीडिएट के टॉप करने वाली रूबी कुमारी को अपने विषय तक की जानकारी न होना 'पॉलिटिकल' साइनंस को 'प्रोडिकल' साइंस कहना या फिर पॉलिटिकल साइंस में खाना बनाने के बारे में पढ़ाए जाने जैसी जानकारी रखने वाली छात्रा पर संकट के बादल छाने लगे हैं.