बिहार के समस्तीपुर सुधा डेयरी एव डीडीसी नेपाल कॉपरेशन (गव्य विकास निगम नेपाल) के बीच एक समझौता हुआ है. जिसमें 27 सितंबर से प्रतिदिन एक लाख लीटर के लगभग दूध अब बिहार से नेपाल के काठमांडू जायेगा. इसकी शुरुआत सुधा डेयरी के एमडी धर्मेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने दूध टैंकर को हरी झंडी दिखा कर की है.
अब सुधा डेयरी समस्तीपुर से प्रतिदिन 50 हजार से एक लाख दूध का टैंकर नेपाल के काठमांडू के लिये रवाना करेगी. बताया जाता है कि कई सालों से बिहार के समस्तीपुर में सुधा की दूध क्वालटी एवं दूध से बने उत्पादन को लेकर बिहार ही नहीं देश के कई राज्य जिसमें गुवाहाटी, उत्तर प्रदेश, नई दिल्ली, झारखंड, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल जैसे प्रदेशों में दूध की जरूरत के मुताबिक महैयाया कराती है.
जापान, इजराइल और नेपाल ने लिया जायजा
समस्तीपुर मिथिला मिल्क यूनियन सुधा डेयरी के दूध और उससे बने उत्पादन की गुणवत्ता को लेकर जापान, इजराइल और नेपाल गव्य विकास निगम की टीम यहां आकर प्लांट का जायजा ले चुकी है. बारीक तरीके से जांच परख के बाद नेपाल कॉपरेशन ने समस्तीपुर डेयरी से एक समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किया है.
सुधा डेयरी के एमडी धीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि दूध की क्वालिटी के लिए काफी हाई टेक तरीके से जांच की जाती है. उसके बाद ही उत्पादों को बाजार में भेजा जाता है. यही कारण है कि आज पड़ोसी देश नेपाल कॉपरेशन से दूध भेजने को लेकर समझौता हुआ है.
दुग्ध उत्पाद से जुड़े किसानों को इससे मिलेगा लाभ?
नेपाल में दूध भेजने से इसका लाभ सीधे तौर पर मिथिला मिल्क यूनियन समस्तीपुर डेयरी से जुड़े दरभंगा, मधुबनी और समस्तीपुर के दुग्ध उत्पादन से जुड़े किसानों मिलेगा. सुधा डेयरी प्रतिदिन किसानों से चार लाख से अधिक दूध का संग्रह करती है. नेपाल से समझौता होने के बाद दूध की डिमांड और बढ़ने से दुग्ध किसानों के दूध और अधिक लिये जायेंगे.
सुधा डेयरी पहले ही किसानों के दूध को नई दिल्ली, उत्तर प्रदेश, गोहाटी, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल और झारखंड को भेजेती थी. अब उनका दुग्ध पड़ोसी देश नेपाल को भी जाने लगा है. एमडी डीके श्रीवास्तव का कहना है कि यह गर्व की बात है कि हम अपने किसानों का गुणवत्तापूर्ण दुग्ध दिये जाने के बदौलत ही इस मुकाम पर पहुंच पाये हैं.