नोट बंदी के मुद्दे पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बीच में तकरार बढ़ती नजर आ रही है. आरजेडी के उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने गुरुवार को नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा कि जिस तरीके से नीतीश ने नोट बंदी का मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन किया है वह गलत है और इससे महागठबंधन कमजोर हुआ है.
'भाजपा के करीब जाने की कोशिश में नीतीश'
आज तक से खास बातचीत में रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि नोट बंदी पर केंद्र सरकार का समर्थन करने से यह साफ हो गया है कि नीतीश कुमार एक बार फिर से वापस भाजपा से हाथ मिलाने के लिए अपने रास्ता तलाश रहे हैं. सिंह ने कहा कि इस बात के भी आसार हैं कि नीतीश वापस एनडीए में चले जाएं.
'महागठबंधन हुआ है कमजोर'
रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा, 'नीतीश कुमार और भाजपा का 17 साल पुराना रिश्ता है. क्योंकि नीतीश कुमार ने नोट बंदी पर प्रधानमंत्री का समर्थन किया है, इस बात को बल मिलता है कि वह वापस भाजपा के साथ हाथ मिला सकते हैं. गुटबंदी का समर्थन करना गलत है और इससे बिहार की महागठबंधन सरकार कमजोर हुई है.'
जदयू ने कहा- मानसिक संतुलन खो चुके हैं रघुवंश
रघुवंश प्रसाद सिंह के बयान को महागठबंधन सरकार के लिए फजीहत बताते हुए है जनता दल यूनाइटेड ने कहा कि उनके बयान से यह बात साबित हो गई है कि वह अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं. जदयू प्रवक्ता संजय सिंह ने इस बात को भी लेकर हैरानी जताई कि रघुवंश प्रसाद सिंह के नितीश कुमार पर लगातार हमला बोलने के बावजूद राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव चुप क्यों है? जदयू ने मांग की रघुवंश प्रसाद सिंह के बयानों को गंभीरता से लेते हुए लालू प्रसाद यादव को उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए.
'रघुवंश को पार्टी से बाहर करें लालू'
जद यू प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा, 'यह बात काफी आश्चर्यजनक है कि आखिर लालू प्रसाद यादव अपने पार्टी के नेता रघुवंश प्रसाद सिंह के लगातार आ रहे बयानों पर चुप क्यों है. ऐसे बयानों से लगता है रघुवंश प्रसाद अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं. ऐसे बयानों से महागठबंधन सरकार की फजीहत होती है. लालू को चाहिए कि वह तुरंत रघुवंश प्रसाद सिंह को पार्टी से बाहर निकालें.'