बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही जनता को 'गिफ्ट' मिलने शुरू हो गए हैं. नीतीश सरकार ने बिहार में बिजली उपभोक्ताओं को थोड़ी राहत देने का फैसला किया है. इसी के तहत राज्य में बिजली की दरों को घटा दिया गया है.
बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने बिजली दरों मे इजाफे के प्रस्ताव को खारिज करते हुए बिजली दर कम करने का फैसला लिया है. नई दरों में घरेलू और व्यवसायिक उपभोक्ताओं के लिए बिजली की दर 10 पैसे प्रति यूनिट कम की गई है. ये नई बिजली दरें 1 अप्रैल से लागू होंगी.
बिहार में अब नहीं देना होगा मीटर शुल्क
बिहार विद्युत विनियामक आयोग द्वारा प्रस्तावित नए टैरिफ के मुताबिक अब उपभोक्ताओं को मीटर शुल्क भी नहीं देना पड़ेगा. यानी अब से बिहार में मीटर शुल्क की व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है. गुजरात तमिलनाडु के बाद बिहार ऐसा तीसरा राज्य होगा जहां मीटर शुल्क को समाप्त किया गया है
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इसके साथ ही कुटीर ज्योति और ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिना मीटर के बिजली देने की व्यवस्था खत्म कर दी गई है. पहले इस श्रेणी में मीटर लगाने की जरूरत नहीं थी.
फिक्सड चार्ज तब जब मिलेगी हर दिन 21 घंटे बिजली
औद्योगिक उपभोक्ता को राहत देने के मकसद से और उनकी मांग को देखते हुए आयोग ने फैसला किया है कि उपभोक्ता से फिक्सड चार्ज की वसूली तभी की जाएगी जब उन्हें पूरे महीने प्रतिदिन कम से कम 21 घंटे बिजली दी जाएगी. इससे कम बिजली दी गई तो फिक्सड चार्ज में भी कमी की जाएगी.
हालांकि कृषि और बिना मीटर वाले उपभोक्ताओं को ये छूट फिलहाल नहीं दी गई है. इस तरह बिहार देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है जहां बिजली की उपलब्धता के आधर पर फिक्सड चार्ज की वसूली होगी.
बिजली चोरी के लिए नियम किए गए और कड़े
बिजली चोरी रोकने के लिए भी बड़ा फैसला लिया गया है. अगर कोई उपभोक्ता पहले से फिक्स लोड से ज्यादा बिजली का उपयोग करते पकड़ा गया तो उससे फिक्स चार्ज के साथ साथ बिजली का बिल भी दंड के तौर पर वसूला जाएगा. बिजली चोरी रोकने को लिए इस तरह का फैसला लेने वाला बिहार पहला राज्य बन गया है.
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