बिहार राज्य कर्मचारी आयोग के चेयरमैन और वरीय IAS अधिकारी सुधीर कुमार की गिरफ्तारी के विरोध में पटना में राजभवन के सामने मानव श्रृंखला बनाने वाले आईएएस एसोसिएशन के सदस्यों पर बिहार सरकार ने कड़ा रुख अख्तियार किया है.
IAS अधिकारियों पर कार्रवाई करते हुए नीतीश कुमार सरकार ने इन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है. इन 25 आईएएस अधिकारियों में तकरीबन 18 जिलाधिकारी है. कारण बताओ नोटिस में सरकार ने जिलाधिकारियों से पूछा है कि आखिरकार किसकी इजाजत से उन लोगों ने जिला मुख्यालय छोड़कर पटना में 26 फरवरी को विरोध प्रदर्शन किया?
मालूम हो कि बिहार कर्मचारी चयन आयोग के प्रश्न पत्र लीक मामले में चेयरमैन सुधीर कुमार को स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम ने आईएएस अधिकारियों के विरोध प्रदर्शन के दो दिन पहले गिरफ्तार किया था. इसी के विरोध में आईएएस अधिकारियों ने सरकार पर दबाव बनाने के लिए राज्यपाल रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर उन्हें एक ज्ञापन भी सौंपा था और इसके बाद राजभवन के सामने मानव श्रृंखला बनाई थी.
सुधीर कुमार की गिरफ्तारी से नाराज आईएएस अधिकारियों ने नीतीश सरकार पर दबाव बनाने के लिए यह फैसला भी किया था कि वह मुख्यमंत्री के किसी भी मौखिक आदेश को नहीं मानेंगे, जब तक उन्हें लिखित में नहीं दिया जाता. आईएएस एसोसिएशन ने सुधीर कुमार की गिरफ्तारी के विरोध में काला बिल्ला लगाकर काम करने का भी निर्णय लिया था.
आईएस अधिकारियों की मांग थी कि स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम सुधीर कुमार को पूरे मामले में फंसा रही है और पेपर लीक मामले में सीबीआई की जांच होनी चाहिए. मालूम हो कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 28 फरवरी को विधानसभा में बोलते हुए इस बात के संकेत दिए थे कि जिस तरीके से आईएएस अधिकारियों ने विरोध प्रदर्शन किया है, उसको लेकर सरकार काफी सख्त है और उन पर कड़ी कार्रवाई करने का मन बना रही है.