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'1 क्या 10 प्रशांत किशोर भी बिहार को नहीं सुधार सकते, क्योंकि...' बोले PK

जन सुराज पदयात्रा के 135वें दिन प्रशांत किशोर ने लोगों को संबोधित किया. इस दौरान राज्य के सत्ता पक्ष, विपक्ष और केंद्र सरकार पर निशाना साधा. साथ ही उन्होंने लोगों को उनकी गलतियां सुधारने की नसीहत दी. कहा कि एक प्रशांत किशोर आ जाए या 10, बिहार को कोई नहीं सुधार सकता क्योंकि यहां की जनता खुद सुधरने को तैयार नहीं है.

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प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर

जन सुराज पदयात्रा के 135वें दिन की शुरुआत सीवान के सानी बसंतपुर गांव में शहीद भगत सिंह इंटर कॉलेज स्थित पदयात्रा शिविर में सर्वधर्म प्रार्थना से हुई. इसके बाद प्रशांत किशोर पदयात्रा के लिए निकले. कई इलाकों से होते हुए पदयात्रा उखाई क्रिकेट ग्राउंड स्थित जन सुराज पदयात्रा शिविर में पहुंची. इस दौरान पीके ने लोगों को संबोधित किया, जिसमें राज्य के सत्ता पक्ष, विपक्ष और केंद्र सरकार पर निशाना साधा. साथ ही उन्होंने लोगों को उनकी गलतियां सुधारने की नसीहत दी.

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सीवान के गोरेयाकोठी में प्रशांत किशोर ने कहा कि आज सबसे ज्यादा अशिक्षा, बेरोजगारी बिहार में है. बहुत सारे लोगों ने बहुत तरीके से प्रयास किए. पहले कांग्रेस को वोट दिया. फिर 15 साल तक गरीब के लड़के लालू को वोट दिया. फिर हमने कहा कि पढ़े-लिखे व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाओ. इसमें 17 साल से नीतीश कुमार भी बैठे रहे. इतना ही नहीं पीएम मोदी को भी वोट देकर देख लिया, लेकिन बिहार की दशा नहीं सुधरी. पुराना रोग होता है, जिसकी नब्ज आसानी से पकड़ नहीं आती है. बिल्कुल वैसी स्थित बिहार की समस्याओं की है. हम ये बताने के लिए पैदल चल रहे हैं कि आपकी ये दुर्दशा है क्यों है? 

आज आपकी ये दुर्दशा इसलिए है, क्योंकि आप बिहार के लोग 5 साल बैठ के यही बात करते हैं कि भ्रष्टाचार है, सड़क नहीं है, नाली नहीं है, पढ़ने की व्यवस्था नहीं है, रोजगार नहीं है, खेत में पानी नहीं है, यूरिया नहीं है. ये सब बातें आपको मालूम हैं. आप रोज चर्चा भी करते हैं लेकिन जैसे ही चुनाव का समय आता है ये सारी बातें भूल जाते हैं.

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बिहार में पिछले 30-40 साल से लोग सिर्फ चार बातें ही याद रखते हैं. पहली बात हमारी जाति क्या है. जो जाति से बच जाते हैं उनका वोट भारत-पाकिस्तान, पुलवामा, चीन की बात करके लिया जाता है. फिर हिंदू-मुस्लिम के नाम पर मुस्लिम को रोकने की बात कही जाती है. जिस नेता को आप कल तक गाली दे रहे होते हैं, उनको वोट देते समय जाति धर्म में फंसकर वही गलती दोहरा देते हैं.

कहा कि अपने जीवन का सबकुछ छोड़कर आपके सामने हाथ जोड़कर कह रहा हूं कि अपने बच्चों के लिए वोट करना सीखिए. एक प्रशांत किशोर आ जाए या 10, बिहार को कोई नहीं सुधार सकता क्योंकि यहां की जनता सुधरने को तैयार नहीं है. हम जब पैदल चल रहे हैं और हमारे साथ 100 बच्चे आगे चल रहे हैं. आप 50 ऐसे बच्चों को देखेंगे जिनके शरीर पर कपड़े नहीं हैं. आधे से ज्यादा बच्चों के पैरों में चप्पलें नहीं हैं. आपके बच्चे जिस स्कूल में जाते हैं, वहां पढ़ाई नहीं खिचड़ी खिलाई जाती है. उसके बाद भी आपको अपने बच्चों की कोई चिंता ही नहीं है. 

कहा कि जब आपको अपने बच्चों की चिंता ही नहीं है तो कोई नेता और दल आपके बच्चों की चिंता नहीं करेगा. हम इसी बात को बताने चले हैं. हम आपसे वोट नहीं मांग रहे हैं. घर-घर जाकर अपने जीवन का सब कुछ छोड़कर आपके सामने हाथ जोड़ रहे हैं कि अपना नहीं तो अपने बच्चों का चेहरा देखकर वोट करिए. धर्म-जाति, भारत-पाकिस्तान, हिंदू-मुस्लिम में उलझे रहेंगे तो आपकी तरक्की कभी नहीं होगी. जिस गरीबी बदहाली में आपका जीवन गुजरा है, आपकी आने वाली पीढ़ी का भी इसी बदहाली में जीवन बीतेगा.

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प्रशांत किशोर की पदयात्रा का सीवान में आज आठवां दिन है. वे जिले में 15 से 20 दिन और रुकेंगे. इस दौरान वे अलग-अलग गांवों और प्रखंडों में जनता के बीच जाएंगे. उनसे बात करके ब्लू प्रिंट तैयार करेंगे. दिनभर की पदयात्रा के दौरान प्रशांत किशोर ने 5 सभाओं को संबोधित किया. 8 पंचायत के 13 गांवों से गुजरते हुए 18.4 किमी की पदयात्रा तय की.

 

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