कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन 16वें दिन जारी है. केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों का किसान पुरजोर विरोध कर रहे हैं. पिछले दो हफ्तों से दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का डेरा है. केंद्र सरकार ने किसानों के साथ बात करने की कोशिश की, कानूनों में कुछ संशोधन भी सुझाए लेकिन बात नहीं बन सकी. वहीं बिहार सरकार ने प्रदेश के किसानों के लिए कुछ बड़ी घोषणाएं की हैं.
नीतीश सरकार ने किसानों के हित में ये महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं-
- कृषि विभाग की साइट पर जो निबंधित किसान हैं उन्हें स्वत: निबंधित मानकर धान अधिप्राप्ति के लिए योग्य समझा जाएगा. सहकारिता विभाग द्वारा किसानों का अलग से निबंधन करने की जरूरत नहीं है.
- रैयत किसानों की धान अधिप्राप्ती की अधिकतम सीमा को 200 क्विंटल से बढ़ाकर 250 क्विंटल किया गया है. साथ ही गैर रैयत किसानों की धान अधिप्राप्ती की अधिकतम सीमा को 75 क्विंटल से बढ़ाकर 100 क्विंटल किया गया है.
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- जिन पैक्सों पर अनियमितता के आरोप थे और वहां फिर से चुनाव हो गए हैं और आरोपी पैक्स अध्यक्ष चुनाव में निर्वाचित नहीं हुए हैं तो उनकी जगह पर नए निर्वाचित पैक्स अध्यक्षों को धान अधिप्राप्ती कार्य की इजाजत दी गई है.
- जो पैक्स फंक्शनल नहीं हैं उनके बगल के पैक्सों या व्यापार मंडलों में धान अधिप्राप्ति की व्यवस्था की गई है तथा उन्हें सुदृढ़ किया जा रहा है.
- धान की अधिप्राप्ति कराने वाले किसानों के खाते में निर्धारित समय सीमा के अंदर राशि अंतरित की जाएगी.