बिहार में राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदल रहा है. नई सरकार का गठन होने वाला है. एक बार फिर नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ सरकार बनाने जा रहे हैं. इस सरकार में तेजस्वी यादव को उप मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है. वहीं तेज प्रताप को भी मंत्री पद दिया जा सकता है.
आजतक ने जब तेज प्रताप से बात की तो वे साफ कह गए कि अभी तक नीतीश कुमार से मंत्री पद को लेकर बातचीतन नहीं हुई है. अभी उन्हें कौन सा मंत्री पद मिलने वाला है, ये स्पष्ट नहीं है. जब पूछा गया कि नीतीश ने राबड़ी देवी के घर पर क्या बात की, इस पर तेज प्रताप ने सिर्फ इतना कहा कि उनका नीतीश कुमार के साथ कोई आज का संबंध नहीं है, काफी पुराना नाता रहा है, पहले से जानते हैं, आगे भी उनके साथ नाता रहने वाला है.
जब उनसे आगे की रणनीति पर सवाल किया गया तो तेज प्रताप दो टूक कह गए कि अब इस खेला के बाद केंद्र की गद्दी को हिलाया जाएगा. उनकी तरफ से सीधे-सीधे मोदी सरकार को चुनौती दे दी गई है.
तेज प्रताप ने ये भी बताया है कि महागठबंधन ने पहले कुछ वादे किए थे. तेजस्वी ने कहा था कि 10 लाख युवाओं को नौकरी दी जाएगी. अब समय आ गया है कि जब सरकार बनने वाली है तो इस वादे को पूरा किया जाए. बिहार की बेरोजगारी को दूर किया जाए. तेज प्रताप ने यहां तक कह दिया कि वे तो पहले से जानते थे कि बिहार में खेला होने वाला है. वे पिछले डेढ़ साल से ऐसा ही कह रहे थे और अब वो खेल कर दिया गया.
बिहार की वर्तमान स्थिति की बात करें तो नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने राज्यपाल से मुलाकात कर ली है. मीडिया से बात करते हुए दावा हुआ है कि उनके पास कुल 164 विधायकों का समर्थन है. नीतीश कुमार ने ये भी बताया है कि कुल सात पार्टियां मिलकर ये सरकार चलाने वाली हैं और जनता की सेवा की जाएगी. वहीं तेजस्वी यादव ने भी कहा है कि बिहार की जनता ने विपक्ष को संदेश दिया है कि जो मजबूती से जनता के सवालों के लिए लड़ता है, उसका साथ दिया जाता है. उन्होंने बीजेपी का साथ छोड़ने के लिए नीतीश कुमार को भी धन्यवाद दिया है. साफ कहा है कि बीजेपी ने साजिश के तहत पार्टी को खत्म करने का प्रयास किया था. पंजाब में अकाली के साथ भी ऐसा ही किया गया.