पिछले सोमवार 14 नवंबर को शराबबंदी मुद्दे पर लोग संवाद करने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज मंगलवार को शराब बंदी मुद्दे पर एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है. पिछले सोमवार को लोक संवाद का कार्यक्रम के दौरान नीतीश कुमार ने अलग-अलग क्षेत्रों से आए आम लोगों से बातचीत की शराबबंदी मुद्दे पर उनकी बातें और सुझाव को सुना.
लोगों ने मुख्यमंत्री से लोक संवाद के दौरान शराबबंदी कानून में कड़े प्रावधानों को फिर से समीक्षा करने की अपील की. हालांकि नीतीश कुमार ने कहा कि शराबबंदी कानून से किसी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा.
पुराने शराबबंदी कानून को पटना उच्च न्यायालय द्वारा खारिज किए जाने के बाद बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली हुई है. सुप्रीम कोर्ट में बिहार सरकार ने कहा है कि शराब पीना और उसका व्यापार करना कोई मौलिक अधिकार नहीं है.
गौरतलब है कि शराबबंदी के नए कानून में कुछ ऐसे प्रावधान है जिस वजह से विपक्ष इस कानून को तालिबानी कानून करार दे रहा है. यह प्रावधान के अनुसार किसी के घर में शराब मिलती है तो उस घर के तमाम व्यस्क लोगों को गिरफ्तार कर जेल में डालने का प्रावधान है. इसके अलावा सामूहिक जुर्माना का भी प्रावधान ने शराबबंदी कानून में है. इन दोनों प्रावधानों को लेकर ही लोग संवाद के दौरान आम लोगों ने नीतीश कुमार से शराब बंदी कानून की समीक्षा करने की अपील की थी जिसे मुख्यमंत्री ने खारिज कर दिया.
मंगलवार को आम राय बनाने के लिए नीतीश कुमार ने इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाई है.