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'PM उम्मीदवार बनने की संभावना होगी तभी महागठबंधन में जाएंगे नीतीश कुमार'

बिहार में सियासी हलचल बढ़ गई है. जेडीयू और आरजेडी, दोनों ही दलों में बैठकों का दौर चल रहा है. नीतीश कुमार के एनडीए से अलग होकर महागठबंधन के साथ जाने की अटकलें लगाई जाने लगी हैं. बिहार की सियासत के लिहाज से अगले 3 दिन काफी अहम माने जा रहे हैं. इस बीच नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में सहयोगी रहे नेता ने जेडीयू के महागठबंधन में शामिल होने को लेकर बड़ा बयान दिया है.

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नीतीश कुमार (फाइल फोटो)
नीतीश कुमार (फाइल फोटो)

बिहार में सियासी हलचल बढ़ गई है. नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) में बैठकों का दौर चल रहा है. जेडीयू के बिहार विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरे राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के साथ गठबंधन कर सरकार बनाने की अटकलें भी तेज हो गई हैं. नई चर्चा शुरू हो गई है कि क्या नीतीश कुमार फिर से आरजेडी के नेतृत्व वाले महागठबंधन में शामिल होंगे?

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इन सबके बीच बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले महागठबंधन का साथ छोड़कर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल हुई विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के अध्यक्ष मुकेश सहनी ने बड़ा बयान दिया है. मुकेश सहनी ने कहा है कि नीतीश कुमार केवल मुख्यमंत्री बनने के लिए महागठबंधन में शामिल नहीं होंगे.

मुकेश सहनी से ये सवाल किया गया था कि नीतीश कुमार क्या प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनने के लिए महागठबंधन के साथ जाएंगे? इस सवाल पर मुकेश सहनी ने कहा कि नीतीश कुमार अगर महागठबंधन के साथ जाते हैं तो वे केवल मुख्यमंत्री बनने के लिए ऐसा नहीं करेंगे. उन्होंने साफ कहा कि नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ तभी जाएंगे, जब उनको प्रधानमंत्री पद के लिए उम्मीदवार बनाए जाने की संभावनाएं बनेंगी.

वीआईपी के प्रमुख ने कहा कि नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनने से बिहार, उत्तरप्रदेश और झारखंड की करीब सौ सीटों पर प्रभाव पड़ेगा. उन्होंने ये भी कहा कि मेरा समर्थन नीतीश कुमार को रहेगा. गौरतलब है कि नीतीश मंत्रिमंडल से बेआबरू होकर बर्खास्त किए जाने के बाद भी मुकेश सहनी के सुर नीतीश कुमार को लेकर नरम रहे हैं.

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मुकेश सहनी नीतीश और जेडीयू को लेकर नरम, बीजेपी को लेकर गरम रहे हैं. दरअसल, मुकेश सहनी ने नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री रहते हुए बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था. मुकेश सहनी ने यूपी विधानसभा चुनाव में कई सीटों पर बीजेपी के खिलाफ उम्मीदवार भी उतारे थे. इसके बाद बिहार में वीआईपी के सभी तीन विधायकों ने पार्टी छोड़ दी थी और वे बीजेपी में शामिल हो गए थे.

 

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