बिहार के सीएम पद से इस्तीफा देने वाले पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोकसभा चुनाव में जीत के लिए पहली बार बुधवार को नरेंद्र मोदी को बधाई दी. नीतीश ने मोदी के प्रधानमंत्री मनोनीत होने की शुभकामना भी दी. नीतीश कुमार ने मोदी को बधाई और शुभकामना के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया है. नीतीश ने फेसबुक पर लिखा है, 'चुनाव परिणाम आने के दिन ही हमने नए जनादेश के प्रति सम्मान प्रकट किया था. पुन: नरेन्द्र मोदी को उनकी जीत के लिए और प्रधानमंत्री मनोनीत होने पर मेरी शुभकामनाएं और बधाई.'
पढ़ें बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद नीतीश कुमार ने फेसबुक पर क्या लिखा:
मेरे प्रिय बिहारवासियों,
मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद आज आपके सामने पहली बार नयी भूमिका में हूं. मन में उत्साह है. आपके अद्भुत सहयोग और समर्थन के बल हमने बिहार की सेवा की. पूरी ईमानदारी, श्रम और तन्मयता के साथ.
हमारा, हमारी सरकार का और दल का एक ही सपना रहा है, खुशहाल और समृद्ध बिहार बनाना. यही हमारी प्रेरणा का केंद्र भी है. सबसे पहले कानून और व्यवस्था ठीक करने की चुनौती हमारी सरकार के सामने थी. हमने वह किया. विकास के वे कदम उठाये, जिनसे सामाजिक सौहार्द बना. इससे बिहार में शांति व भाईचारे का माहौल बना. हमारा प्रयास रहा, हम सब मिलकर बिहार के गौरव को एक नयी ऊंचाई तक ले जा सकें. हमारी सरकार इसी काम में दिन-रात लगी थी.
आपके सहयोग के कारण अनेक ऐसी चीजें भी पूरी हुईं, जो शुरू में कठिन लग रही थीं. आज बिहार के सभी गांवों में बिजली पहुंचाने की तेज कोशिश हो रही है. स्कूल और प्राथमिक चिकित्सालयों की स्थिति सुधरी है. सड़कें बनीं. पुल बने. और भी बहुत कुछ हुआ. आपने 2005 में हमें बिहार का नेतृत्व सौंपा था. गुजरे आठ सालों में हमारी सरकार ने पूरी ईमानदारी और श्रम से काम किया.
राजनीतिक जीवन में संघर्ष के बाद हमें आपका विश्वास मिला. आपका विश्वास ही हमारी ताकत है. हमने सिद्धांतों के आधार पर राजनीति की. पद से प्रेरित होकर नहीं. हमारे सिद्धांत व उसूल, मेरे राजनीतिक जीवन के पथ प्रदर्शक रहे हैं. हमारी इस सैद्धांतिक राजनीति को लगातार आपका भरपूर समर्थन मिला है. कह सकता हूं कि लंबे राजनीतिक जीवन में हमने आपके विश्वास की रक्षा की है. कभी किसी को उंगली उठाने का अवसर नहीं मिला. लोकसभा चुनाव में हमने अपना पक्ष आपके सामने रखा. देश और बिहार के हित की बात की. पद की कभी लालसा हमारी नहीं रही. अपनी सरकार के काम के आधार पर हमने चुनावों में आपसे मजदूरी मांगी.
चुनाव नतीजे आये, और यह मजदूरी नहीं मिली. हमें लगा कि पुन: आपका विश्वास अर्जित करने की जरूरत है. इसलिए नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री का पद छोड़ा. हमें श्री जीतन राम मांझी कार्य क्षमता पर पूरा भरोसा है. वे मंत्रिपरिषद के सहयोगियों के साथ मिलकर सामूहिक विवेक और पूरी जिम्मेदारी से बिहार के लिए काम करेंगे. हमें विश्वास है कि उन्हें पूरे बिहार का सहयोग मिलेगा.
हमने मुख्यमंत्री का पद छोड़ा है. देश या बिहार के प्रति अपनी जिम्मेदारी नहीं. इसलिए एक विकसित बिहार और जीवंत भारत बनाने के सपने को साकार करने में हम, आपके सहयोग के बल पूरी ताकत से लगे रहेंगे. आपका विश्वास अर्जित करने की कोशिश करेंगे. पुन: जो जनादेश मिलेगा, उसका पालन करेंगे. सुविधा अथवा पद की राजनीति न हमने कभी की है, न करेंगे. सिद्धांत की राजनीति ही हमें कुछ नया करने की ताकत व ऊर्जा देती है.
एक अंतिम बात. मैं स्वतंत्रता सेनानी का पुत्र हूं, युवा दिनों से अब तक आपके सामने हूं. मेरा जीवन खुली किताब है. हमने कभी झूठ या मार्केटिंग के बल आपका विश्वास नहीं अर्जित किया. हम जैसे हैं, आपके सामने हैं. हमें यकीन है कि आप किसी भी राजनीतिक दुष्प्रचार या अफवाह के प्रभाव में अपना नजरिया नहीं बदलेंगे. विश्वास की बुनियाद पर नये बिहार का सपना साकार करेंगे हम सब मिलकर!
चुनाव परिणाम आने के दिन ही हमने नये जनादेश के प्रति सम्मान प्रकट किया था. पुन: श्री नरेंद्र मोदी को उनकी जीत के लिए और प्रधानमंत्री मनोनीत होने पर मेरी शुभकामनाएं व बधाई!
जय बिहार! जय भारत!
गौरतलब है कि नीतीश काफी दिनों से नरेंद्र मोदी का नाम तक नहीं लेते थे. चुनाव प्रचार के दौरान भी उन्होंने मोदी का बिना नाम लिए ही उन पर जमकर निशाना साधा. गुजरात में पिछली बार हुए विधानसभा चुनाव में जीत और मुख्यमंत्री बनने पर भी नीतीश ने मोदी को बधाई और शुभकाकामना नहीं दी थी.