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2024 पर नीतीश कुमार का निशाना, BJP को छोड़कर RJD के साथ जाने के क्या होगा नफा-नुकसान?

नीतीश कुमार अब बीजेपी का साथ छोड़कर महागठबंधन के साथ मिलकर सरकार बनाने जा रहे हैं. उन्होंने मंगलवार दोपहर को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया फिर शाम को तेजस्वी यादव के साथ राजभवन पहुंचकर राज्यपाल फागू चौहान के सामने महागठबंधन सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया.

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बीजेपी का साथ छोड़कर आरजेडी के साथ सरकार बना रहे नीतीश कुमार (फाइल फोटो)
बीजेपी का साथ छोड़कर आरजेडी के साथ सरकार बना रहे नीतीश कुमार (फाइल फोटो)

नीतीश कुमार बीजेपी को छोड़कर फिर से आरजेडी के साथ आ गए हैं. आज दोपहर में महागठबंधन सरकार का शपथ ग्रहण समारोह है. हालांकि नीतीश कुमार के इस फैसले को लेकर अब तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. चर्चा है कि नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ एक डील तय की है, जिसके तहत नीतीश कुमार केवल 8-10 महीने के लिए ही बिहार के सीएम होंगे लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में वह विपक्ष के पीएम पद के उम्मीदवार होंगे.

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वहीं सुशील मोदी का कहना है कि आरजेडी में उन्हें वो सम्मान नहीं मिलेगा, जो बीजेपी ने उन्हें दिया. वहीं बीजेपी के कई बड़े नेताओं ने उनके इस फैसले पर कहा कि उन्होंने जनादेश के साथ विश्वासघात किया है. जनता ही उन्हें सबक सिखाएगी. आइए समझते हैं सरकार बनाने से नीतिश को क्या नफा-नुकसान हो सकता है.

सीएम पद नीतीश के लिए सुरक्षित

- भले ही नीतीश कुमार ने बीजेपी का साथ छोड़कर और आरजेडी से नाता जोड़ लिया हो लेकिन उनकी मुख्यमंत्री की कुर्सी सुरक्षित रहेगी. हालांकि वह नीतीश शॉर्ट टर्म गेम खेल रहे हैं.

- बिहार में विधानचुनाव के लिए अभी 2 साल बाकी हैं हालांकि इस चुनाव से पहले 2024 का लोकसभा चुनाव भी है. इन दो बड़े मुकाबलों के लिए नीतीश अपनी सियासी जमीन को मजबूत करना चाहते हैं.

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- नीतीश कुमार 2024 में विपक्ष का चेहरा बन सकते हैं. नीतीश की छवि बेदाग हैं और उन पर परिवारवाद का आरोप भी नहीं है. 

- जेडीयू ने 2017 में भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर आरजेडी का साथ छोड़ा था लेकिन उसके साथ फिर से गठबंधन कर लिया है. 2024 के चुनाव में यह बात उनके खिलाफ जा सकती है.

- सूत्रों के मुताबिक बीजेपी बिहार में कल से सड़क पर नीतीश कुमार सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के समझौता, जनता के जनादेश के साथ विश्वाघात करने और  कूप्रबंधन के मुद्दे पर पूरे प्रदेश में प्रदर्शन करेगी.

बीजेपी की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

- अगर शॉर्ट टर्म में देखें तो बीजेपी ने अपना एक बड़ा सहयोगी खो दिया है. लोक चुनाव से पहले जेडीयू से गठबंधन टूटना बीजेपी के लिए बड़ा झटका कहा जा सकता है.

- जेडीयू के साथ गठबंधन करके बीजेपी बिहार की सबसे बड़ी पार्टी बनने की रणनीति पर काम कर रही थी. अब बीजेपी को इस लॉन्ग टर्म प्लान को पूरा करने में कठिनाइयां आ सकती हैं लेकिन बीजेपी दोबारा आरजेडी और बाकी विपक्षी पार्टियों पर अपनी भ्रष्टाचार विरोधी नीति को एक्टिव कर सकती है.

आज नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह

बिहार में आज दोपहर महागठबंधन सरकार का शपथ ग्रहण समारोह है. जानकारी के मुताबिक कैबिनेट में आरजेडी के सबसे ज्यादा 16 विधायक मंत्री बनेंगे. इसके बाद जेडीयू के 13, कांग्रेस के 4, हम के 1 के विधायक नई सरकार में मंत्री बनेंगे. वहीं लेफ्ट पार्टी सरकार को बाहर से स्पोर्ट कर रही हैं.

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नीतीश कुमार ने दावा किया है कि कुल सात पार्टियों और एक निर्दलीय विधायक ने उन्हें समर्थन दिया है. उनके पास कुल 165 विधायकों का समर्थन हासिल है.

(आजतक ब्यूरो)

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