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अधिकारी FIR विवाद: तेजस्वी ने नीतीश कुमार को बताया भ्रष्टाचार का भीष्म पितामह

अब आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने इसे एक बड़ा मुद्दा बना लिया है. उनकी तरफ से सीएम पर निजी हमला बोला गया है. तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर नीतीश कुमार को भ्रष्टाचार का भीष्म पितामह बता दिया है.

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तेजस्वी ने नीतीश कुमार को बताया भ्रष्टाचार का भीष्म पितामह ( पीटीआई)
तेजस्वी ने नीतीश कुमार को बताया भ्रष्टाचार का भीष्म पितामह ( पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • तेजस्वी का नीतीश कुमार पर हमला
  • नीतीश कुमार को बताया भ्रष्टाचार का भीष्म पितामह
  • IAS अधिकारी सुधीर कुमार से जुड़ा विवाद

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) एक नए विवाद में फंस गए हैं. विवाद भी इसलिए खड़ा हुआ है  क्योंकि सुधीर कुमार नाम के IAS अधिकारी उनके खिलाफ थाने में FIR दर्ज नहीं करवा पाए हैं. वे चार घंटे तक थाने में इंतजार करते रहे, लेकिन उनकी FIR दर्ज नहीं की गई. अब आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने इसे एक बड़ा मुद्दा बना लिया है. उनकी तरफ से सीएम पर निजी हमला बोला गया है.

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तेजस्वी का नीतीश कुमार पर हमला

तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर नीतीश कुमार को भ्रष्टाचार का भीष्म पितामह बता दिया है. ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि शर्मनाक और निंदनीय! बिहार में एक अपर मुख्य सचिव स्तर के वरिष्ठ अधिकारी को FIR दर्ज कराने के लिए तरसना पड़ रहा है. बिहार में आप गवर्नेंस की बस कल्पना करिए! ऐसे ही थोड़े ना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह कहलाए जाते हैं. बता दें कि इस मामले में पहले आरजेडी की तरफ से एक बयान जारी किया गया था, उसके बाद तेजस्वी ने भी सीएम को आड़े हाथों लेने का काम किया.

क्या है पूरा विवाद?

सुधीर कुमार की बात करें तो वे बिहार कर्मचारी चयन आयोग के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं. उन पर आरोप था कि 2014 में अध्यक्ष पद पर रहने के दौरान इंटर स्तरीय संयुक्त परीक्षा का पेपर लीक हुआ था, जिसमें उन्हें दोषी बताया गया था. इसी मामले में 2017 में उनको निलंबित करते हुए गिरफ्तार किया गया था. अब उस विवाद के चार साल  बाद वे नीतीश कुमार के खिलाफ FIR दर्ज करवाने थाने पहुंच गए. लेकिन थाने में उनका अनुभव कुछ ठीक नहीं रहा. सुधीर कुमार की माने तो उन्हें चार घंटे तक इंतजार करवाया गया, वहीं जो थानेदार थे वो भी मौके से गायब दिखे. बाद में थानेदार ने इतना जरूर कहा कि उन्हें अंग्रेजी समझने में दिक्कत होती है, इसलिए वे सुधीर कुमार की FIR कॉपी समझ नहीं पाए.

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अभी के लिए बिहार की राजनीति में ये एक बड़ा मुद्दा बनने जा रहा है. तेजस्वी की तरफ से पहले ही सवाल खड़े कर दिए गए हैं. अब अगर जेडीयू और सीएम की तरफ से इस विवाद पर सफाई पेश नहीं की गई, तो ये मामला आने वाले दिनों में और ज्यादा तूल पकड़ने जा रहा है और इसका सीधा असर बिहार की राज्य सरकार पर देखने को मिल सकता है.

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