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नीति आयोग की रिपोर्ट पर भड़के नीतीश, पूछा महाराष्ट्र से बिहार की तुलना कैसे कर दी ?

नीतीश कुमार ने कहा, पूरे देश को एक ही प्रकार मानकर रैंकिंग करना एक विचित्र बात है. नीति आयोग के अध्ययन करने का तरीका ठीक नहीं है. सरकार नीति आयोग को जवाब भेज रही है और अगली बार जब भी बैठक होगी मैं अपनी बात नीति आयोग के सामने रखूंगा.  

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (फाइल फोटो)
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • नीति आयोग ने स्वास्थ्य व्यवस्था के आधार पर बिहार को बताया फिसड्डी
  • नीतीश बोले- आयोग की रिपोर्ट गलत

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नीति आयोग की उस रिपोर्ट पर भड़क गए, जिसमें बिहार को स्वास्थ्य व्यवस्था के मानकों पर फिसड्डी बताया गया है. नीतीश कुमार ने कहा कि नीति आयोग के द्वारा सभी राज्यों को एक बराबर मानकर किसी भी क्षेत्र में रैंकिंग करने का तरीका गलत है.
 
नीतीश कुमार ने कहा, पूरे देश को एक ही प्रकार मानकर रैंकिंग करना एक विचित्र बात है. नीति आयोग के अध्ययन करने का तरीका ठीक नहीं है. सरकार नीति आयोग को जवाब भेज रही है और अगली बार जब भी बैठक होगी मैं अपनी बात नीति आयोग के सामने रखूंगा.  

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बिहार की तुलना महाराष्ट्र से करना गलत

नीतीश ने कहा कि किसी भी क्षेत्र में बिहार जैसे गरीब राज्य की तुलना महाराष्ट्र जैसे अमीर राज्य से करना गलत है. नीति आयोग को पिछड़े राज्यों को एक कैटेगरी में रखकर और विकसित राज्यों को दूसरी कैटेगरी में रखकर रैंकिंग करना चाहिए.

उन्होंने कहा, मुझे पता नहीं है कि नीति आयोग किनके माध्यम से और किस प्रकार काम करती है. नीति आयोग की अगली बार बैठक होगी तो हम जाएंगे और एक एक बात उनके सामने रखेंगे. किसी भी चीज का मूल्यांकन करने से पहले नीति आयोग को राज्य की बुनियादी हकीकत से रूबरू होना चाहिए. हर राज्य को एक जैसा मानना गलत है. 

क्या है नीति आयोग की रिपोर्ट 

बीते दिनों नीति आयोग ने एक रिपोर्ट जारी की थी. इसमें स्वास्थ्य व्यवस्था के क्षेत्र में बिहार को फिसड्डी बताया गया है. नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार में प्रत्येक एक लाख की आबादी पर सिर्फ 6 बेड मौजूद है.

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जातिगत जनगणना पर विचार करके फैसला करे केंद्र

दूसरी तरफ जाति जनगणना के मुद्दे पर नीतीश कुमार ने कहा कि वह चाहते हैं कि केंद्र सरकार इस मुद्दे पर विचार करके निर्णय ले. नीतीश ने कहा कि जातिगत जनगणना के मुद्दे पर बिहार के सभी राजनीतिक दलों का प्रतिनिधिमंडल जो प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात कर चुका है, वह एक बार फिर से बैठेंगे और इस मुद्दे पर विचार करेंगे कि आगे क्या करना है. नीतीश ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों के साथ दोबारा से चर्चा करने के बाद जो भी निर्णय लिया जाएगा वह सर्वसम्मति से ही होगा.

 

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