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नीतीश ने शराबबंदी और कानून व्यवस्था को लेकर की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक

बिहार में तेजी से बिगड़ते कानून और व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को अपने आवास पर पुलिस विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की. बैठक में पुलिस विभाग द्वारा मुख्यमंत्री के समक्ष विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया गया.

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

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बिहार में तेजी से बिगड़ते कानून और व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को अपने आवास पर पुलिस विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की. बैठक में पुलिस विभाग द्वारा मुख्यमंत्री के समक्ष विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया गया.

21 दिसंबर को पुलिस विभाग की उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए निर्देश के आलोक में आज की बैठक में मुख्य रूप से मध्य निषेध और थानावार अपराध से संबंधित विषयों पर चर्चा की गई.

शराबबंदी को लेकर दिए गए प्रस्तुतीकरण में जो बातें सामने आईं, उसमें मुख्यतः यह है कि वर्ष 2017 में केस में 3 गुना वृद्धि हुई है और साथ ही साथ गिरफ्तारी में भी 4 गुना वृद्धि दर्ज की गई है. प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि बिहार में देसी शराब और विदेशी शराब की बरामदगी में कई गुना वृद्धि हुई है और मुजफ्फरपुर जोन में सबसे ज्यादा शराब की बरामदगी लगातार हो रही है.

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बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने गृह विभाग सह मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुभानी को निर्देश दिए कि थाने में जप्त किए गए शराब और इससे संबंधित चीजों के विशिष्टीकरण में तीव्रता लानी चाहिए. बैठक में पुलिस विभाग ने नीतीश कुमार को बताया कि अवैध शराब के कारोबार में लिपटी व्यक्तियों की पहचान करने के लिए पुलिस महकमे ने चार श्रेणियां बनाई हैं. प्रथम श्रेणी आपूर्तिकर्ता गिरोह है, दूसरी श्रेणी भंडारण गिरोह है, तीसरी श्रेणी वितरण करता गिरोह है, जबकि चौथी श्रेणी लोकल रिसीवर गिरोह है.

बैठक में पुलिस विभाग ने यह भी जानकारी दी कि दूसरे प्रदेशों से बिहार लाई जाने वाली शराब में मुख्य रूप से हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़, पश्चिम बंगाल, नॉर्थ ईस्ट के राज्य और उत्तरी सीमा से सटे नेपाल शामिल है.

बैठक में शराब से लदे वाहनों की चेकिंग के लिए आधुनिक उपकरणों के इस्तेमाल के बारे में भी जोड़ दिया गया. पुलिस विभाग ने मुख्यमंत्री को इस बात की भी जानकारी दी कि मुख्य सड़कों पर सीसीटीवी कैमरा, ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडिंग लगाने की जरूरत है. नीतीश ने निर्देश दिया जिन मुख्य सड़कों पर यह जरूरी है उसका विश्लेषण करके इस काम की शुरुआत तुरंत की जाए.

नीतीश ने बैठक में यह भी कहा कि प्रत्येक गांव में ट्रांसफाॅर्मर वाले खंभे पर पुलिस और मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग का नंबर अंकित कराया जाए ताकि इलाके में हो रहे शराब की अवैध बिक्री या कारोबार के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सके. मुख्यमंत्री ने कहा कि जो भी शिकायतकर्ता फोन पर अवैध शराब को लेकर जानकारी देता है, उस पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए.

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नीतीश ने इस बात को लेकर भी निराशा जताई की अवैध रूप से शराब के कारोबार करने वाले में फ्रंट की गिरफ्तारी तो हो जाती है मगर किंग पिन नहीं पकड़े जाते हैं. उन्होंने कहा कि अवैध शराब में शामिल बड़े आपूर्तिकर्ताओं और माफियाओं को चिन्हित कर उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए ताकि इस पूरे अवैध शराब के सिस्टम को ध्वस्त किया जा सके. नीतीश ने कहा कि अगर पुलिस और उत्पाद विभाग 10 -20 आपूर्तिकर्ताओं को गिरफ्तार कर लेगा तो यह अवैध धंधा खुद-ब-खुद ध्वस्त हो जाएगा.

राज्य में बढ़ते अपराध पर दिए गए प्रस्तुतीकरण पर नीतीश ने निर्देश दिया कि अपराध नियंत्रण हेतु अपराध अनुसंधान विभाग द्वारा संकलित आंकड़ों को संबंधित जिलों में भेजकर पुलिस अधीक्षक से कांडों के संबंध में की गई कार्यवाही की जानकारी प्राप्त की जानी चाहिए. नीतीश ने निर्देश दिया कि पुलिस उपमहानिरीक्षक, पुलिस अधीक्षक और अपर पुलिस अधीक्षक तथा पुलिस उपाधीक्षक स्तर के पदाधिकारियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अलग-अलग बैठक आयोजित कर अपराध नियंत्रण हेतु चिन्हित थाना क्षेत्र में विशिष्ट कार्रवाई सुनिश्चित की जानी चाहिए.

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