बिहार की राजनीति इन दिनों उफान पर है. मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी तो 20 फरवरी को विधानसभा में बहुमत साबित करेंगे, इससे पहले सूबे के राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी ने जेडीयू के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार पर जोरदार हमला किया है. बिहार: नीतीश के पास ये हैं 5 मौके
उन्होंने कहा, 'नीतीश कुमार चाहते थे कि सीएम पर फैसला 48 घंटे के अंदर हो जाए, यह उनका उतावलापन है और इसी कारण से वो सियासी बयानबाजी कर रहे हैं. जब सदन की बैठक 20 फरवरी को पहले से तय है तो इतनी जल्दी क्या है?'
सियासी संकट पर चुप्पी तोड़ते हुए केसरीनाथ त्रिपाठी ने कहा, 'नीतीश कुमार को कुछ भी कहने की पूरी आजादी है लेकिन लोगों को इससे प्रभावित नहीं होना चाहिए. नीतीश चाहते थे कि मैं 48 घंटे के अंदर मुख्यमंत्री बदल डालूं. लेकिन यह संवैधानिक तौर पर संभव नहीं है.'
उन्होंने कहा, 'हमें हर फैसले की कानूनी वैधता पर विचार करना होता है. सब कुछ संविधान के मुताबिक हो, इसलिए 2-3 दिन लगना पहले से ही तय है. सुप्रीम कोर्ट के सभी फैसलों को ध्यान से पढ़ना पड़ता है, तभी कुछ तय किया जा सकता है.'
नीतीश पर तीखी टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा, 'लेकिन उतावला हो जाना और सियासी बयानबाजी करना गलत है. राजनीति का स्तर गिर जाना है बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है. अब तो राजनेता संवैधानिक पद पर भी बैठे लोगों के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं.'