साल 2024 का लोकसभा चुनाव अभी दूर है. लेकिन राजनीतिक दल इसको लेकर अभी से कमर कस रहे हैं. विपक्ष के सामने एक बड़ा सवाल यह भी है कि बीजेपी और खासकर पीएम मोदी को चुनौती कौन देगा. ऐसे में बिहार की जनता दल यूनाइटेड (JDU) नीतीश कुमार की उम्मीदवारी और पक्की कर सकती है. अगले महीने JDU की एक अहम मीटिंग होनी है. इसमें सुशासन बाबू नीतीश कुमार को JDU पीएम पद की उम्मीदवारी के लिए विपक्ष के चेहरे के रूप में प्रोजेक्ट कर सकती है.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले कई सालों से विपक्ष के वैसे चेहरे हैं, जिनकी चर्चा लोकसभा चुनाव से पहले जरूर होती है, लेकिन ऐन मौके पर सियासी समीकरण बिगड़ जाता है. सियासी जानकार मानते हैं कि इस बार वैसा नहीं होगा. इस बार खुद नीतीश कुमार काफी संभलकर कदम रख रहे हैं. क्योंकि इस बार कांग्रेस भी राहुल गांधी का नाम खुलकर लेने से बच रही है.
तीन और चार सितंबर को होगी JDU की बैठक
JDU की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक राजधानी पटना में तीन और चार सितंबर को प्रस्तावित है. इस बैठक में JDU के देशभर के नेता शामिल होंगे. इसी बैठक में रणनीति के हिसाब से नीतीश कुमार केंद्र की कमियों को बिंदूवार पार्टी के सामने रखेंगे. उसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेस करके उन मुद्दों को पूरे देश को बताया जाएगा.
इस दो दिवसीय बैठक में दोनों दिन अलग-अलग प्रकार की बैठक होगी, जिसमें सबसे बड़ा मुद्दा केंद्र को घेरने को लेकर होगा. जानकरों की मानें, तो बैठक से पहले एमएलसी नीरज कुमार सहित वैसे नेताओं को डाटा कलेक्शन पर लगाया गया है, जिन्हें बीजेपी की कमियों को खोद निकालने में महारत हासिल है.
पार्टी की ओर से केंद्र सरकार के खिलाफ डाटा कलेक्शन का काम किया जा रहा है. बैठक में देशभर से आए JDU नेताओं से एक स्वर में नीतीश कुमार को पीएम उम्मीदवार के तौर पर प्रोजेक्ट करने की बात हो रही है.
बिहार की सियासत में महागठबंधन की सरकार बनते ही उधर कांग्रेस सक्रिय हो गई है. कांग्रेस ने नीतीश की इच्छानुसार अपने कोटे के मंत्री बनाए हैं. कांग्रेस नेता कुछ भी बोलने से पहले परहेज कर रहे हैं. राहुल गांधी सहित सोनिया गांधी ने पार्टी के सामान्य कार्यकर्ताओं को एक पत्र के जरिए नीतीश का समर्थन करने की बात कह दी है.
कांग्रेस नहीं ले रही राहुल का नाम
2024 में कांग्रेस इस बार राहुल राग की जगह नीतीश राग अपलापने का मन बना चुकी है. क्योंकि कांग्रेस को पता है कि ममता बनर्जी और शरद पवार सरीखे नेता विपक्ष के प्रधानमंत्री के पद के लिए ठीक उम्मीदवार नहीं हैं. इससे पूर्व बड़े दल का दावा कर पीएम पद के लिए हमेशा आगे रहने वाली कांग्रेस ने सीधे तौर पर चुप्पी साध ली है. जानकार बताते हैं कि इस बार नरेंद्र मोदी को घेरने के लिए कांग्रेस को नीतीश का साथ मिल गया है.
कांग्रेस फिलहाल पूरी तरह फूंक-फूंक कर कदम रख रही है. किसी भी कांग्रेसी को खुलेआम पीएम पद के लिए राहुल, सोनिया या फिर प्रियंका का नाम लेने की मनाही है. बड़े कद के नेता और पार्टी के कई वरिष्ठ नेता संभलकर बोल रहे हैं.
कांग्रेस को ये भी डर है कि कहीं ‘राहुल राग’ अलापने से विपक्षी दल बिदक न जाएं और चुनाव पूर्व की संभावित गठबंधन बिखर जाए. विपक्ष 2024 में मोदी को कड़ी चुनौती देना चाहता है. विपक्ष नजर दौड़ा चुका है. उसे नीतीश कुमार के अलावा कोई ऐसा नेता नहीं दिखा है, जो नरेंद्र मोदी का मुकाबला कर सके. इसलिए कांग्रेस का पूरा ध्यान मजबूत विपक्ष बनाने पर है इसलिए नीतीश कुमार जैसे अनुभवी और ओबीसी नेता को खारिज करने के बजाए उनको भी इस दौड़ में माना जा रहा है.