बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री बनाने की होड़ तेज होती जा रही है. जेडीयू ने एक तरफ पोस्टर रणनीति के जरिए साफ कर दिया है कि 2024 में पीएम मोदी को नीतीश ही टक्कर देने वाले हैं तो वहीं दूसरी तरफ जेडीयू के ही ललन सिंह उस दावेदारी को खारिज कर रहे हैं. अब इस बयानबाजी में जीतन राम मांझी का नाम भी जुड़ गया है. उन्होंने नीतीश को पीएम बनाने की बात कर दी है.
मांझी ने किया नीतीश की पीएम दावेदारी का समर्थन
पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार ही पीएम उम्मीदवार होंगे. 2024 में हम ही नीतीश को पीएम बनाएंगे. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा- देश को जोड़ने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल के वक्त तो हम चूक गए थे. आज फिर वक्त आ गया है, जब हमें मौका मिल रहा है कि पटेल समाज के बेटे नीतीश कुमार को हम 2024 में प्रधानमंत्री बनाएं. तब सरदार पटेल ने देश जोड़ा था, अब फिर पटेल का बेटा ही देश तोड़ने वालों से लड़कर देश जोड़ेगा.
अब मांझी का बयान जेडीयू की उस रणनीति से मैच खाता है जहां पर नीतीश को लगातार बतौर पीएम उम्मीदवार प्रोजेक्ट किया जा रहा है. लेकिन दूसरी ओर राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह कह रहे हैं कि नीतीश कुमार पीएम उम्मीदवार नहीं हैं. आज एक बार फिर मीडिया से बातचीत में ललन सिंह ने नीतीश कुमार को पीएम उम्मीदवार से दूर बताया.
ललन सिंह ने क्यों पकड़ी अलग राह?
ललन सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि नीतीश कुमार पीएम पद के उम्मीदवार नहीं हैं. देश के पीएम भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई नहीं कर रहे, विरोधियों पर कार्रवाई कर रहे. उन्होंने कहा कि देश में भ्रष्ट्राचार पर कार्रवाई के नाम पर विरोधियों को निशाने पर लिया जा रहा. भाजपा में येदुरप्पा क्या हैं, उनको मुख्यमंत्री बनाया. बीजेपी में चले गए तो पाक साफ हो गए.
वहीं जदयू कार्यालय में 3 दिनों तक चलने वाली राज्य कार्यकारिणी राष्ट्रीय परिषद एवं राज्य कार्यकारिणी की बैठक के पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार निरीक्षण करने जदयू कार्यालय पहुंचे. वहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बैठक की तैयारियों को देखने आए हैं. कल से 2 दिनों तक यही बैठक में शामिल रहेंगे. वहीं भारतीय जनता पार्टी और नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा की महंगाई कितनी बढ़ गई है. सभी लोग देख रहे हैं. और सभी जानते हैं हम कुछ बोलना नहीं चाहते. वहीं 2024 में प्रधानमंत्री उम्मीदवार पर वे कुछ कहने से बचते नजर आए और कहा कि महंगाई बढ़ी है ध्यान दीजिए.
विरोध के सुर भी आए सामने
ऐसे में अभी के लिए नीतीश खुद अपनी दावेदारी की बात करने से बच रहे हैं, पार्टी जरूर उन्हें आगे करने का प्रयास कर रही है, महागठबंधन के कुछ दूसरे दल भी समर्थन दे रहे हैं, लेकिन जमीन पर माहौल नीतीश के समर्थन में एकतरफा नहीं दिख रहा है. विरोध के सुर भी सुनाई पड़ रहे हैं.