बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को सबको स्वीकार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी का शुरू से स्टैंड रहा है कि अयोध्या विवाद का हल या तो आपसी सहमति से हो या फिर न्यायालय का जो आदेश हो, उसके मुताबिक इसका हल निकले. अब सुप्रीम कोर्ट का जो फैसला आया है, उसे स्वीकार करना चाहिए और स्वागत भी करना चाहिए.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में पत्रकारों से कहा कि इस मसले का जो समाधान है, इसे मानते हुए सबको एक दूसरे के प्रति सम्मान का भाव रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने जो फैसला दिया है उसे पूरे तौर पर सबको स्वीकार करना चाहिए. यह समाज में प्रेम और भाईचारा बनाए रखने के लिए बहुत उपयोगी होगा, यही मेरा अपना विचार है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला एकमत से आया फैसला है और यह पूरी तरह से स्पष्ट भी है. सरकार को भी कुछ जिम्मेदारी दी गई है. हर पक्ष को गौर से सुनने के बाद जो कुछ भी फैसला आया है, हम सबको, पूरे देश के लोगों को इसे सम्मान के साथ स्वीकार करना चाहिए. इस मसले पर आगे अब किसी तरह का कोई विवाद नहीं होना चाहिए. यही मेरा व्यक्तिगत तौर पर लोगों से आग्रह है.
नीतीश कुमार की पार्टी बीजेपी के साथ गठबंधन में हैं लेकिन अयोध्या में राममंदिर के निर्माण पर उनकी पार्टी की विचारधारा हमेशा बीजेपी से अलग रही. बीजेपी हमेशा अपने चुनावी घोषणा पत्र में अयोध्या में राममंदिर निर्माण की बात करती रही है लेकिन जेडीयू ने उससे अलग विचार रखते हुए मंदिर निर्माण या तो आपसी सहमति से या अदालत के फैसले के आधार पर करने की बात कही है.