बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करने वाले राजनेताओं पर अप्रत्यक्ष तौर पर निशाना साधा है. उनका मानना है ट्वीट करने वाले सुबह से ची ची चे चे करने लगते है. ट्वीट का शब्दकोष में अर्थ है ची ची चे चे करना.
उन्होंने कहा कि 'इसका अर्थ शब्दकोष में यही है जो चिड़ियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन कुछ नेता सुबह-सुबह 15-20 शब्दों का ची ची चे चे करने लगते है. मीडिया के लिए बयान देने के अलावा उनको दिनभर और कोई काम ही नहीं है. ट्विटर तो अभिनेताओं के लिए होता है जो कि अपने फैन्स तक सीधी पहुंच नहीं बना सकते, राजनेताओं के लिए नहीं. उन्हें तो लोगों के साथ सीधा संपर्क बनाना चाहिए.'
नीतीश कुमार ने कहा कि कुदरत ने खूबसूरत चीज बनाई है चिड़िया. चिड़ियों की चह चहाने से पर्यावरण शुद्ध और संतुलित होता है. लेकिन ट्वीट करने वाले उसके भाषा और स्वभाव को बदलने की कोशिश कर रहे है. उनकी चह चहाहट को छीन लेना चाहते हैं.
दरअसल नीतीश कुमार इसके पक्ष में नही है तो खिलाफ भी नही है लेकिन उन्हें खासकर बीजेपी से अलग होने के बाद ट्वीट करने वालों से परेशानी होने लगी है. उनके साथ सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे सुशील कुमार मोदी भी सरकार से हटने के बाद ट्वीट करने लगे है. यानी चहचहाने लगे है हमेशा से मीडिया प्रेमी रहे सुशील कुमार मोदी जबतक सरकार में रहे तबतक पत्रकारों से ऐसे भागते थे जैसे भूत देख लिया हो लेकिन अब सुबह से ही चहचहाना शुरू कर देते है जो नीतीश कुमार को परेशान करता है.
हाल ही आतंकी यासीन भटकल की गिरफ्तारी के बाद सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट किया कि वोट बैंक की वजह से बिहार पुलिस यासिन भटकल की गिरफ्तारी का श्रेय नहीं लेना चाहती है. बाद में उन्होंने इतना तगड़ा बयान दिया कि इशरत जहां को बेटी बनाने वाला जेडीयू कहीं यासिन भटकल को दामाद न बना दे.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सुशील मोदी को आड़े हाथों लेते हुये कहा कि अब लोग गाली गलौज पर उतर आये हैं. जिस के बारे में जानकारी नही है उस पर टिप्पणी करने लगते हैं. उन्होंने कहा कि बिहार पुलिस काम करती है श्रेय लेने के चक्कर में नही रहती है. और विपक्ष के इस तरह कि टिप्पणियों से पुलिस के कामकाज पर प्रभाव पड़ता है.