राज्यपाल फागू चौहान को इस्तीफा देने के बाद नीतीश कुमार राबड़ी देवी के आवास पर महागठबंधन विधायक दल की बैठक में शामिल हुए. यहां उन्हें विधायक दल का नेता चुन लिया गया है. बैठक में उन्होंने कहा कि सभी विधायकों से कहा - आइए नई शुरुआत करते हैं. जो हुआ, सो हुआ...उसे भूल कर आगे बढ़ना है. बिहार के लिए मिलकर काम करना है.
नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव और महागठबंधन के विधायकों के साथ मुलाकात के दौरान 2017 में गठबंधन तोड़ने के लिए अफसोस भी जताया. महागठबंधन का नेता चुने जाने के बाद अब नीतीश कुमार तेजस्वी यादव के साथ राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे.
सभी की सहमति पर BJP से गठबंधन तोड़ा: नीतीश
नीतीश कुमार ने सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने कहा कि सब लोगों की इच्छा थी कि बीजेपी से अलग हो जाना चाहिए. उन्होंने बताया कि विधायकों और सांसदों की सहमति के बाद गठबंधन तोड़ने का फैसला लिया है. उन्होंने मीडिया से कहा कि उन्हें बीजेपी के साथ एक नहीं कई दिक्कतें थीं.
वहीं दिन में उन्होंने अपने आवास पर जेडीयू विधायकों की बैठक में बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि बीजेपी ने हमें खत्म करने की साजिश रची. बीजेपी ने हमेशा अपमानित किया है.
हमारा फैसला मील का पत्थर साबित होगा: कुशवाहा
वहीं जेडीयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने ट्वीट करते हुए कहा- NDA से अलग होने के निर्णय से देश को फिर से रुढ़िवाद के दल-दल में धकेलने की साजिश में लगी भाजपा के चक्रव्यूह से हम सब बाहर आ गए.यह निर्णय सिर्फ बिहार ही नहीं देश के लिए मील का पत्थर साबित होगा.
जीतन राम मांझी ने भी नीतीश को दिया समर्थन
वहीं जीतन राम मांझी की पार्टी 'हम' ने भी अपने विधायकों के साथ बैठक की. इसमें तय हुआ कि उनकी पार्टी नीतीश कुमार के साथ है. हम बिना शर्त महागठबंधन सरकार को समर्थन देगी. हम के विधायकों ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में आस्था जताई है. मालूम हो कि कांग्रेस भी बिना शर्त समर्थन देने को तैयार है.
(रिपोर्ट: आशुतोष)