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मांझी की ललकार के बीच सरकार बनाने के लिए दावा पेश करेंगे नीतीश

बिहार में सत्ता का संघर्ष अब विधानसभा में जोर-आजमाइश की तरफ बढ़ता दिख रहा है. एक तरफ नीतीश कुमार सोमवार राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश करने की तैयारी कर रहे हैं और जेडीयू ने कांग्रेस और राजद के समर्थन वाला पत्र रविवार को राजभवन में सौंपकर 130 विधायकों के समर्थन का दावा किया है. वहीं, मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने विधानसभा में शक्ति परीक्षण से पहले पद छोड़ने से साफ इंकार कर दिया है.

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nitish Kumar
nitish Kumar

बिहार में सत्ता का संघर्ष अब विधानसभा में जोर-आजमाइश की तरफ बढ़ता दिख रहा है. एक तरफ नीतीश कुमार सोमवार राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश करने की तैयारी कर रहे हैं और जेडीयू ने कांग्रेस और राजद के समर्थन वाला पत्र रविवार को राजभवन में सौंपकर 130 विधायकों के समर्थन का दावा किया है. वहीं, मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने विधानसभा में शक्ति परीक्षण से पहले पद छोड़ने से साफ इंकार कर दिया है.

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राजभवन के सूत्रों ने कहा कि नीतीश राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी से दोपहर डेढ़ बजे मुलाकात करेंगे. इससे पहले जेडीयू ने राजद, कांग्रेस, सीपीआई और एक निर्दलीय विधायक का समर्थन पत्र सौंपते हुए दावा किया कि 243 सदस्यीय सदन में उसे 130 विधायकों का समर्थन हासिल है.

बिहार के विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने भी रविवार को नीतीश कुमार को मांझी की जगह जेडीयू विधायक दल के नये नेता के रूप में मान्यता दे दी और पार्टी ने कहा कि मांझी के पद से इस्तीफा देने से इंकार करने के बाद उन्हें हटा दिया गया है.

इस बीच नीति आयोग की बैठक में भाग लेने के लिये दिल्ली पहुंचे मांझी ने वहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भेंट की और कयास लगाए जा रहे हैं कि शक्ति परीक्षण में बीजेपी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है. उधर, राज्यपाल ने नीतीश के समर्थक 20 कैबिनेट मंत्रियों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जिन्होंने शनिवार इस्तीफा दे दिया था.

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राज्यपाल के जनसंपर्क अधिकारी एस. के. पाठक ने कहा कि मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की सलाह पर राज्यपाल ने यह कदम उठाया.

243 सदस्यीय सदन में जेडीयू के 111 विधायक, बीजेपी के 87, आरजेडी के 24, कांग्रेस के पांच और पांच निर्दलीय विधायक हैं, जबकि दस सीटें खाली हैं. विधानसभा की वर्तमान में कुल क्षमता 233 को देखते हुए बहुमत का आंकड़ा 117 है.

'लोकतंत्र का गला घोंटने से बीजेपी को नुकसान होगा'
बिहार में जदयू विधायक दल के नए नेता नीतीश कुमार ने कहा कि अगर बीजेपी ‘लोकतंत्र का गला घोंटने’ का कोई प्रयास करती है, तो इससे उसका ही नुकसान होगा. कुमार बिहार में सरकार बनाने के लिए सोमवार को औपचारिक रूप से दावा करेंगे.

कुमार ने सोशल मीडिया एकाउंट पर कहा, ‘जिस दिन बीजेपी लोकतंत्र का गला घोंटने का प्रयास करेगी, वह अपने ही पैरों पर कुल्हाडी मारेगी.’ बीजेपी नेताओं के बयानों को रेखांकित करते हुए कुमार ने बिहार विधानसभा को जल्दी भंग किए जाने की आशंका जताई और इसका तीखा विरोध किया.

उन्होंने कहा कि चुनाव बार बार नहीं होने चाहिए और सरकार को काम करना चाहिए और चुनाव समय पर होने चाहिए. उन्होंने कहा, ‘बहुमत हमारे साथ है.’ उनके समर्थन में रविवार को जेडीयू, आरजेडी, कांग्रेस और भाकपा के एक विधायक सहित 130 विधायकों ने राजभवन को पत्र सौंपा.

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विधानसभा भंग करने के मांझी कैबिनेट के फैसले की आलोचना करते हुए कुमार ने कहा, ‘मुझे राष्ट्रीय स्तर पर कैबिनेट का हिस्सा बनने का अनुभव है और मैंने बिहार में कैबिनेट की बैठकों की अध्यक्षता की है. कोई भी प्रस्ताव जबरन नहीं मंजूर कराया जा सकता. अगर कोई विरोध होता है, तो कैबिनेट नोट वापस ले लिया जाता है.'

- इनपुट भाषा

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