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बिजली को लेकर नीतीश कुमार का ‘करो या मरो’ संकल्प

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश में बिजली क्षेत्र के विकास को लेकर अपनी सरकार के रात-दिन लगे होने का दावा करते हुए गुरुवार को कहा कि बिजली के बारे में हमारा संकल्प हो गया है ‘करो या मरो’.

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नीतीश कुमार
नीतीश कुमार

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश में बिजली क्षेत्र के विकास को लेकर अपनी सरकार के रात-दिन लगे होने का दावा करते हुए गुरुवार को कहा कि बिजली के बारे में हमारा संकल्प हो गया है ‘करो या मरो’.

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मुख्यमंत्री सचिवालय हॉल संवाद में चौसा स्थित 660 मेगावाट के बक्सर थर्मल पावर प्रोजेक्ट को लेकर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के अवसर पर अपने संबोधन के दौरान नीतीश ने प्रदेश में बिजली क्षेत्र के विकास को लेकर अपनी सरकार के रात-दिन लगे होने का दावा करते हुए कहा कि बिजली के बारे में हमारा संकल्प हो गया है ‘करो या मरो’.

मुख्यमंत्री ने गत वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर दिये अपने संबोधन कि बिजली की स्थिति में सुधार नहीं ला सके तो 2015 के विधानसभा चुनाव में वोट मांगने लोगों के बीच नहीं जाएंगे की ओर इशारा करते हुए कहा कि उनकी इस घोषणा के बाद सबकी नजर इसी पर टिकी है कि बिहार में बिजली के क्षेत्र में क्या हो रहा है.

उन्होंने कहा कि बिजली के बारे में हमारा संकल्प हो गया है ‘करो या मरो’ अर्थात वे पहले ही कह चुके हैं कि या तो बिजली उपलब्ध कराओ या रास्ते से हट जाओ. नीतीश ने कहा कि अपने इस संकल्प को धरती पर उतारने के लिए और उसे मूर्तरूप प्रदान करने के लिए उनके साथ सब लोग लगे हुए हैं.

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बिहार स्टेट पावर (होल्डिंग) कंपनी लिमिटेड, बिहार पावर इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी प्राइवेट लि0 और भारत सरकार एवं मध्यप्रदेश सरकार के संयुक्त उपक्रम सतलज जल विद्युत निगम (एसजेवीएन) के प्रतिनिधियों के बीच हुए इस समझौते के लिए ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव और उनके विभाग की प्रशंसा करते हुए आशा व्यक्त की कि वे अपनी प्रतिष्ठा को कायम रखेंगे.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सभी को मालूम है कि बिहार में ऊर्जा की कमी है और वर्ष 2005 में जब उन्होंने इस प्रदेश की बागडोर संभाली थी तो उस समय इस राज्य का विद्युत उत्पादन शून्य था.

उन्होंने कहा कि बिहार में बिजली की औसत उपलब्धता प्रति व्यक्ति जहां 122 युनिट है वहीं इस मामले में प्रति व्यक्ति राष्ट्रीय औसत 776 युनिट है.

बिहार में बिजली क्षेत्र के विकास के अपनी सरकार द्वारा अबतक उठाए गए कदमों का जिक्र करते हुए नीतीश ने कहा कि इसी कड़ी में बंद कांटी और बरौनी विद्युत इकाइयों के आधुनिकीकरण और जीर्णोद्धार का कार्य चल रहा है, वहीं एनटीपीसी के साथ मिलकर कांटी में 195 मेगावाट की दो नई इकाइयों का निर्माण कार्य चल रहा है जो कि 2014-15 में पूरा हो जाएगा.

उन्होंने कहा कि बरौनी इकाई की विस्तार योजना के तहत 250 मेगावाट की दो विद्युत इकाइयों की स्थापना का कार्य चल रहा है और उसके लिए राज्य सरकार के सक्रिय प्रयास से टेपरिंग कोल लिंकेज के लिए केंद्र सरकार की सहमति प्राप्त हुई है.

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केंद्र सरकार से लेटर ऑफ एश्योरेंस जल्द निर्गत करने के लिए अनुरोध किया गया है. बरौनी में वर्तमान आधारभूत संरचना के अंतर्गत 250 मेगावाट की स्थापना के लिए बाह्य संपोषित योजना से मदद के लिए पहल की गयी है. केस-वन बिडिंग के अंतर्गत 1010 मेगावाट विद्युत क्रय के लिए ऊर्जा क्रय समझौता किया गया है.

उन्होंने कहा कि केंद्रीय प्रक्षेत्र से आवंटित बिजली की उपलब्धता की कमी को दूर करने के लिए केस-वन बिडिंग के अंतर्गत मार्च 2012 से 2015 तक के लिए 200 मेगावाट बिजली क्रय की जा रही है.

नीतीश ने कहा कि नबीनगर में 660 मेगावाट के सूपर थर्मल पावर परियोजना का कार्य प्रगति पर है. फेज-2 के तहत 660 मेगावाट की तीन इकाई लगाए जाने की योजना है. नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य सरकार के प्रयास से बाढ़ विद्युत परियोजना के फेज-1 से 523 मेगावाट और फेज-2 से 660 मेगावाट बिजली बिहार को आवंटित की गयी है.

उन्होंने कहा कि नबीनगर में बनने वाले एनटीपीसी एवं रेलवे के संयुक्त उत्पादन केंद्र से सौ मेगावाट बिजली बिहार को प्राप्त होगी. उन्होंने कहा कि बक्सर, कजरा, पिपैंती में फेज-2 बिडिंग के आधार पर पावर प्रोजेक्ट लगाए जाएंगे. 250 मेगावाट सोलर पावर प्रोजेक्ट का प्लांट लगाया जाएगा.

राज्य के ऊर्जा विभाग के सचिव संदीप पौंड्रिक ने कहा कि बक्सर के चौसा में उत्पादित बिजली का 85 प्रतिशत बिहार को सुलभ होगा. उन्होंने बताया कि इस परियोजना की कुल लागत 6791 करोड़ रुपये है और इस के लिए 1081 एकड़ जमीन का अधिग्रण किया जा चुका है.

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इस अवसर पर ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, कला संस्कृति मंत्री सुखदा पाण्डेय, मुख्य सचिव ए के सिन्हा, विकास आयुक्त फूल सिंह, सतलज जल विद्वुत निगम के अध्यक्ष आर पी सिंह, जल संसाधन विभाग के प्रधानसचिव एस के नेगी, सूचना एवं जन संपर्क विभाग के प्रधानसचिव बजेश मेहरोत्रा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अंजनी कुमार सिंह, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रधानसचिव सी अशोक वर्धन, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चन्द्रा सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे.

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