बिहार सरकार ने हाल ही में 1.7 लाख शिक्षक पदों पर भर्ती निकाली थी. इस परीक्षा में 1.22 लाख अभ्यर्थी पास हुए हैं. इनकी भर्ती प्रक्रिया शुरू हो गई है. अब इस शिक्षक भर्ती का क्रेडिट लेने को लेकर होड़ मच गई है. RJD इसे अपने घोषणा पत्र का वादा बताते हुए लगातार इस भर्ती प्रक्रिया को डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की उपलब्धि के तौर पर पेश करने में जुटी है. यह बात बिहार के सीएम नीतीश कुमार को नागवार गुजरी और आरजेडी के एक मंत्री पर भड़क गए. नीतीश ने मंत्री को नसीहत दे डाली कि वे इस भर्ती के लिए सिर्फ अपनी पार्टी को क्रेडिट न दें.
दरअसल, नीतीश कुमार ऊर्जा विभाग के कार्यक्रम में पहुंचे थे. यहां उन्होंने महागठबंधन सरकार में राजस्व मंत्री आलोक मेहता से कहा कि अपना और पार्टी का क्रेडिट लेने में मत लगे रहिए. ये कहिए कि ये राज्य सरकार ने नियुक्ति की है. नीतीश ने कहा कि हम किसी काम व्यक्तिगत क्रेडिट नहीं लेते हैं. उन्होंने कहा, मेरे काम की चर्चा नहीं होती है. अगर केंद्र सरकार 50 हजार भी नौकरी देती है, तो उसकी खूब चर्चा होती है.
2 नवंबर को नियुक्ति पत्र देंगे नीतीश कुमार
बिहार की शिक्षक भर्ती परीक्षा में पास होने वाले अभ्यर्थियों को नीतीश कुमार नियुक्ति पत्र देंगे. ये कार्यक्रम 2 नवंबर को पटना के गांधी मैदान में होगा. बीजेपी बिहार में शिक्षकों की नियुक्ति में भ्रष्टाचार के आरोप लगा रही है. इस पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, वे(भाजपा) जब साथ में थे तब कभी नहीं बोलते थे. उन्हें ऐसा बोलने के लिए बोला जाता है इसलिए बोल रहे हैं, ऐसी कोई बात नहीं है. सभी नियुक्तियां अच्छे से हो रही हैं.
नीतीश के बयान के कुछ मिनट बाद RJD ने किया नया ट्वीट
नीतीश के क्रेडिट वाले बयान के कुछ ही मिनट के अंदर राजद की तरफ से एक ट्वीट किया गया. इसमें डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को प्रमुखता देते हुए दिखाने की कोशिश की गई है कि 120000 शिक्षकों की नियुक्ति तेजस्वी यादव के वादे का नतीजा है. वहीं, इस पोस्टर में नीतीश की छोटी सी फोटो लगाई गई है.
रोजगार, नौकरियों और अवसरों में
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) November 1, 2023
इतिहास रच रहा है बिहार!#तेजस्वी बन रहा है बिहार
तत्पर कर्तव्यनिर्वहन कर रही है #महागठबंधन #सरकार!
नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम,
🗒️ 2 नवंबर, 2023
📍 गाँधी मैदान.#TejashwiYadav pic.twitter.com/SW8hfX7li8
बीजेपी बोली- ये तमाशा है...
उधर, बीजेपी नेता विजय सिन्हा ने कहा, "यह एक दिखावा है. जो शिक्षक नियुक्त हो चुके हैं उन्हें नियुक्ति पत्र दिया जाए, यह कौन सा खेल है? नई प्रतिभाओं को लीजिए. जो इस पर विरोध और प्रदर्शन कर रहे हैं, उन्हें आप क्यों नहीं सुन रहे हैं. स्कूलों में शिक्षक क्यों नहीं हैं?...''