पटना में कोविड-19 संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहे नालंदा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के मेडिकल सुप्रिटेंडेंट डॉक्टर विनोद कुमार सिंह ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत को पत्र लिखकर अपने आपको पद के कार्यभार से मुक्त करने की गुहार लगाई है. स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत को लिखे पत्र में डॉक्टर सिंह ने अस्पताल में कोविड-19 मरीजों के इलाज के दौरान ऑक्सीजन सिलेंडर की भारी कमी का जिक्र करते हुए कहा है कि इसके कारण हमेशा अस्पताल में इलाज करा रहे दर्जनों संक्रमित मरीजों की जान जाने की संभावना बनी रहती है.
डॉक्टर सिंह ने आगे लिखा है कि उन्हें इस बात की हमेशा आशंका रहती है कि ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी के कारण अगर किसी मरीज की मौत हो जाती है तो इसकी सारी जिम्मेदारी अस्पताल के मेडिकल सुप्रिटेंडेंट यानी कि उन पर ही आएगी जिसके बाद उन पर कार्रवाई की जाएगी.
ऐसे हालात में डॉक्टर सिंह ने प्रत्यय अमृत से गुहार लगाई है कि उन्हें मेडिकल सुप्रिटेंडेंट के पद से तुरंत मुक्त कर दिया जाए जिसके लिए वह आजीवन उनके आभारी रहेंगे. पत्र में डॉक्टर सिंह ने इस बात को लेकर नाराजगी जताई है कि नालंदा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल को जितनी संख्या में ऑक्सीजन सिलेंडर मिलना चाहिए उतना नहीं मिल रहा है और उसकी जगह पर दूसरे अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति की जा रही है.
यह है नीतीश कुमार का छद्म विकास। NMCH अस्पताल, पटना के अधीक्षक ने ऑक्सीजन कमी को लेकर अपने कार्य प्रभार से मुक्त करने का अनुरोध किया है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) April 17, 2021
आप बस स्थिति की कल्पना कीजिए।16 वर्षों के मुख्यमंत्री से सवाल-जवाब करना मना है। वो 16 क्या? 1600 वर्ष CM रहेंगे तब भी अपनी गलती नहीं मानेंगे! pic.twitter.com/OkjIl4iyKx
एनएमसीएच के मेडिकल सुप्रिटेंडेंट के इस पत्र को लेकर तेजस्वी यादव ने ट्वीट करके नीतीश कुमार पर हमला बोला है और कहा कि यह है नीतीश कुमार का छद्म विकास. नालंदा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के अधीक्षक ने ऑक्सीजन की कमी को लेकर अपने कार्य प्रभार से मुक्त करने का अनुरोध किया है. आप बस स्थिति की कल्पना कीजिए.16 वर्षों के मुख्यमंत्री से सवाल जवाब करना मना है. वह 16 क्या... 1600 वर्ष मुख्यमंत्री रहेंगे तब भी अपनी गलती नहीं मानेंगे.