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'अधिकार' मिलने पर भी यूपीए को समर्थन नहीं: जदयू

जनता दल यूनाइटेड ने साफ कर दिया है कि अगर यूपीए सरकार बिहार को विशेष दर्जा दे देती है तो उसके बाद भी पार्टी का सरकार को समर्थन करने का कोई प्लान नहीं है.

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जनता दल यूनाइटेड ने साफ कर दिया है कि अगर यूपीए सरकार बिहार को विशेष दर्जा दे देती है तो उसके बाद भी पार्टी का सरकार को समर्थन करने का कोई प्लान नहीं है.

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जदयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि अगर केंद्र सरकार बिहार को उसका अधिकार देती है तो पार्टी इसका स्वागत करेगी, पर इसका मतलब यह नहीं है कि हम एनडीए का साथ छोड़ देंगे.

उन्होंने कहा कि पिछड़ेपन के आधार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देना 'सौदेबाजी' नहीं है. यह बिहार का अधिकार है और न की कोई 'सौदेबाजी'. चाहे वह यूपीए हो या एनडीए, अन्य पिछड़े राज्यों को भी विशेष राज्य का दर्जा का मिलना चाहिए. यह केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है.

जदयू नेता ने साफ कर दिया कि उनकी पार्टी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलने के बाद यूपीए को सरकार को समर्थन देने पर कोई विचार नहीं कर रही है.

त्यागी ने कहा कि विशेष राज्य मिलने के बदले हम कांग्रेस या यूपीए को समर्थन करने पर विचार नहीं कर रहे हैं.

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गौरतलब है कि श्रीलंका के तमिलों के मुद्दे पर डीएमके ने यूपीए ने समर्थन वापस ले लिया है. लोकसभा में डीएमके के 18 सांसद हैं, मौजूदा स्थिति में यूपीए के 224 सांसद हैं. हालांकि सपा (22) और बसपा (21) के बाहरी समर्थन के बूते यूपीए को 281 सांसदों का समर्थन प्राप्त है.

कुछ दिन पहले ही सूत्रों से हवाले से खबर आई थी कि गृह मंत्रालय बिहार को पिछडा राज्य का दर्जा देने तैयारी कर रही है. जिसके बाद सियासी गलियारों में नए राजनीतिक समीकरण को लेकर चर्चा तेज हो गई थी.

अभी बिहार में जेडीयू और बीजेपी की संयुक्‍त सरकार चल रही है इसके बावजूद दोनों के रिश्‍ते उतने मजबूत नहीं हैं. कांग्रेस भी नीतीश कुमार के बिहार को स्पेशल स्‍टेटस के बहाने उस पर डोरे डालने पर लगी हुई है. लोकसभा में जेडीयू के पास 20 सांसद हैं.

राजनीतिक पंडितों का मानना है कि नरेंद्र मोदी को लेकर बीजेपी की नीति से नीतीश की नाराजगी को देखते हुए कांग्रेस ने बिहार के मुख्यमंत्री पर डोरे डालने शुरू कर दिए हैं.

इस बीच केंद्र में राजनीतिक हलचल तेज होने के बाद खबरें आईं कि जेडीयू प्रमुख और एनडीए के संयोजक शरद यादव ने कांग्रेस के रणनीतिकार कहे जाने वाले अहमद पटेल से मुलाकात की थी. हालांकि शरद यादव ने ऐसी खबरों को बेबुनियाद और गलत बताया है.

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