खुले में शौच करने वालों की अब खैर नहीं है. खुले में शौच से मुक्ति अभियान के तहत रोहतास जिले में जबरदस्त अभियान चलाया जा रहा है. जिले में अब शौचालय का उपयोग नहीं करने वालों से ओडीएफ टीम ने 10 लाख रुपये तक का जुर्माना वसूला है. जुर्माने की राशि से 83 शौचालयों का निर्माण कराया जा सकता है.
शौचालय निर्माण में पिछड़ा है बिहार
बिहार शौचालय के निर्माण में अभी काफी पिछड़ा हुआ है. बिहार में अभी एक भी जिला ओडीएफ यानी खुले में शौच से मुक्त नहीं हुआ है, जबकि देश में ऐसे 192 जिले हैं, जो इस स्थिति को पा चुके हैं. बिहार में रोहतास और शेखपुरा जिले ऐसे है जहां ओडीएफ का काम प्रगति पर दिख रहा है. जबकि सबसे पीछे औरंगाबाद जिला है, जहां पिछले हफ्ते एक स्कूल में शौचालय होते हुए बच्चे को बाहर शौच के लिए जाना पड़ा और बिजली के करंट से उसकी मौत हो गई. औरंगाबाद में सिर्फ एक पंचायत ओडीएफ है.
रोहतास में प्रशासन की कड़ाई
रोहतास जिले में कुल 19 प्रखंड है, जिसमें 13 प्रखंड ओडीएफ घोषित हो किए जा चुके हैं बाकी के 6 प्रखंडों में 70 प्रतिशत काम हो चुका है. बिहार में रोहतास जिला ओडीएफ में सबसे आगे है, तो उसके पीछे यहां के प्रशासन की कड़ाई है. खुले में शौच करने पर यहां दंड का प्रावधान है. शौचालय रहते हुए जो लोग बाहर शौच करने के लिए जाते हैं, उन पर दोगुना जुर्माना होता है. वैसे जुर्माने की राशि 500 से लेकर 1000 रुपये तक है.
जुर्माने के साथ दी जाती है पेड़ के देखभाल की जिम्मेदारी
रोहतास के जिलाधिकारी अनिमेश परासर ने बताया कि ओडीएफ की टीम जिसे पकड़ती है, उस व्यक्ति पर हर शनिवार को पंचायत में 133 अधिनियम के तहत दंड दिया जाता है. जिसमें पैसे के अलावा उस व्यक्ति को दंड के रूप में एक पेड़ लगाकर उसकी देखभाल करने की जिम्मेदारी होती है. अगर पेड़ सूख गया तो दंड और बढ़ाया जा सकता है.
2018 तक खुले में शौच से मुक्त होने का लक्ष्य
बिहार में कुल 96 लाख 95 हजार शौचालय के निर्माण का लक्ष्य है, लेकिन ये अभी लक्ष्य से काफी दूर है. बिहार में अभी तक केवल 32.5 फीसदी ही शौचालय बने हैं, जो कि राष्ट्रीय औसत से आधा है. बिहार सरकार ने दिसंबर 2018 तक खुले में शौच मुक्त प्रदेश बनाने का लक्ष्य रखा है. अभी बिहार में प्रतिदिन 9 हजार शौचालय बन रहे हैं, लेकिन लक्ष्य प्राप्ति के लिए इसे प्रतिदिन 25 हजार शौचालय बनाना पड़ेगा. बिहार सरकार को लक्ष्य पाना है, तो उसे रोहतास में चलाए जा रहे दंड प्रावधान को पूरे प्रदेश में लागू करना होगा.