बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार के नोटबंदी के कदम का उनके द्वारा समर्थन करने का यह मतलब नहीं निकालना चाहिए कि यह बीजेपी के नजदीक जाने का संकेत है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बिहार में महागठबंधन की सरकार पांच साल पूरे करेगी.
हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप सम्मिट में नीतीश ने कहा, 'मैं भ्रष्टाचार के बिल्कुल खिलाफ हूं और इसके खिलाफ किसी भी कदम का बिना सोचे समर्थन करता हूं. मैं नोटबंदी का समर्थन करता हूं, क्योंकि यह एक अच्छा कदम है. लेकिन मेरे इस समर्थन का यह मतलब नहीं निकालना चाहिए कि मैं बीजेपी के नजदीक जा रहा हूं'.
उन्होंने नोटबंदी का समर्थन तो किया लेकिन साथ ही यह भी बताया कि दो नंबर का काम बंद हो तो कालाधन सिमटेगा, अकेले नोटबंदी से कालेधन पर लगाम लगना संभव नहीं है. नीतीश कुमार की मानें तो अब केंद्र सरकार को अब बेनामी संपत्ति रखने वालों के ऊपर भी कार्रवाई करना चाहिए.
नीतीश ने दोहराया कि गठबंधन के पूर्व घटक की 'घर वापसी' नहीं होगी. नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) का बीजेपी के साथ 17 वर्षो तक गठबंधन रहा है. उन्होंने लोक जनशक्ति पार्टी के रामविलास पासवान की उस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि बीजेपी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का हिस्सा बनने के लिए नीतीश कुमार का स्वागत है.
नीतीश कुमार ने कहा, 'यह (पासवान) वही आदमी हैं, जो पाकिस्तान गए थे और उन्होंने कहा था कि गुजरात दंगे के बाद उन्होंने गठबंधन से नाता तोड़ लिया, और आज वह इस तरह की बातें कर रहे हैं. मैं इस तरह के लोगों के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं करता हूं.'
नोटबंदी की घोषणा के बाद उनके भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मिलने की खबर को भी उन्होंने बकवास करार दिया. नीतीश ने मीडिया रपट के बारे में कहा, 'जिस महिला पत्रकार ने यह खबर दी कि उनके फॉर्म हाउस पर बैठक हुई है, उसी को इस बारे में जवाब देना चाहिए.' उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ महागठबंधन की सरकार पांच साल पूरे करेगी. बिहार में 'अराजकता' के आरोपों से इंकार करते हुए उन्होंने जोर दिया कि कानून से कोई समझौता नहीं किया जा सकता.