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बिहार में नई सरकार के लिए राज्यपाल के पास ये हैं विकल्प

जहां एक तरफ आरजेडी ने साफ कर दिया कि तेजस्वी यादव मंत्रिमंडल से इस्तीफा नहीं देंगे वहीं नितीश कुमार के इस्तीफे से एक बार फिर पूरा का पूरा मामले राजभवन पहुंच चुका है. इस बीच अब राज्यपाल के सामने महज तीन विकल्प हैं:

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बिहार के राज्यपाल
बिहार के राज्यपाल

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर सत्तारूढ़ गठबंधन को एक नाटकीय मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया. प्रदेश में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की जांच के मामले में विवाद ने गंभीर रूप ले लिया है.

जहां एक तरफ आरजेडी ने साफ कर दिया कि तेजस्वी यादव मंत्रिमंडल से इस्तीफा नहीं देंगे वहीं नीतीश कुमार के इस्तीफे से एक बार फिर पूरा का पूरा मामले राजभवन पहुंच चुका है. इस बीच अब राज्यपाल के सामने महज तीन विकल्प हैं:

बिहार विधानसभा में आंकड़े

राष्ट्रीय जनता दल के पास 80 सीटें.

जनता दल यूनाइटेड को 71 सीटें मिलीं.

कांग्रेस के पास 27 सीटें.

भारतीय जनता पार्टी के पास 53 सीटें.

लिहाजा, 243 विधायकों की इस विधानसभा में बहुमत के लिए जादुई आंकड़ा 122 सीटों का है.

पहला विकल्प (नीतीश सरकार): नीतीश कुमार के इस्तीफा मंजूर होने पर राज्य की मंत्रिमंडल बर्खास्त हो जाएगी. हालांकि संविधान के मुताबिक राज्यपाल इस्तीफे को स्वीकार करने के साथ-साथ नीतीश कुमार को केयरटेकर सरकार चलाने का फरमान दे सकते हैं. वहीं इस दौरान राज्यपाल को राज्य में नई सरकार बनवाने के लिए स्थिति का जायजा लेना होगा. चूंकि राज्य विधानसभा में आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी है, लेकिन राज्य में नई सरकार बनाने की संभावना जेडीयू के पास है. लिहाजा एक बार फिर राज्यपाल नीतिश कुमार से नए गठबंधन साथियों के साथ नई सरकार बनाने के प्रस्ताव पर विचार कर सकते हैं.

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नीतिश सरकार: अगर नीतीश के 71 विधायकों को बीजेपी के 53 विधायकों का समर्थन मिल जाए तो आंकड़ा 124 तक पहुंच जाएगा और राज्य में जेडीयू-बीजेपी गठबंधन की सरकार बन जाएगी. इस आंकड़े को मजबूत करने के लिए लोकजनशक्ति पार्टी (2), राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी (2) जैसे छोटे दलों को साथ में लेकर किया जा सकता है.

दूसरा विकल्प (तेजस्वी सरकार): सबसे बड़ा दल आरजेडी होने के कारण नई सरकार का गठन करने के लिए नैचुरल च्वॉइस आरजेडी है. यदि आरजेडी नई सरकार बनाने की पहल करती है तो इस स्थिति में आश्वस्त होने के लिए राज्यपाल आरजेडी से विधानसभा में मिलने वाले समर्थन की लिस्ट मांग सकते हैं.

ऐसी स्थिति में आरजेडी को पहल करने के लिए जरूर है कि वह अपने 80 विधायकों के साथ-साथ कांग्रेस के 27 विधायकों की लिस्ट राज्यपाल को दें. हालांकि यह लिस्ट जादूई आंकड़े से दूर है लिहाजा, आरजेडी को नई सरकार का घटन करने के लिए बेहद जरूरी है कि उन्हें अन्य बड़ी पार्टियों के विधायकों से भी समर्थन मिले. चूंकि ऐसी परिस्थिति में हॉर्स ट्रेडिंग की संभावना बनती है, लिहाजा, राज्यपाल अपना फैसला इस संभावना को ध्यान में रखते हुए लेंगे. 

तीसरा विकल्प: किसी दल को समर्थन नहीं मिल पाने की स्थिति में राज्यपाल विधानसभा को भंग करने का फैसला ले सकते हैं. ऐसी स्थिति में राज्य में एक बार फिर चुनाव कराया जाएगा.

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