जन अधिकार पार्टी के संरक्षक पप्पू यादव गुरुवार को भारत बंद के दौरान फूट फूट कर रोए. उन्होंने कहा कि वो कभी जाति की राजनीति नहीं करते, लेकिन मजफ्फरपुर में जाति के नाम पर उनके साथ जो हुआ, उससे वो बहुत दुखी हैं. पप्पू यादव पटना से मधुबनी जा रहे थे लेकिन मुजफ्फरपुर में बंद समर्थकों ने उनके काफिले को रोक दिया. काफी मान-मनौव्वल के बाद जब उन्हें जाने दिया तब दूसरे गुट ने उनके काफिले पर हमला कर दिया. पप्पू यादव के मुताबिक हमलावर पिस्तौल से लैस थे. अगर उनके साथ सीआरपीएफ के जवान नहीं होते तो उनकी हत्या हो जाती. पप्पू यादव पत्रकारों से बात करते-करते फूट-फूट कर रोने लगे.
पप्पू यादव यादव जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) द्वारा मधुबनी से पटना तक की पैदल यात्रा की शुरुआत करने बासोपट्टी जा रहे थे. पप्पू यादव के अनुसार बन्दूक, लाठी भाले से लैस कुछ अपराधियों ने उनके ऊपर पर हमला कर दिया. नौबत गोली चलाने तक की आ गई थी. पप्पू कह रहे हैं – उनके काफिले में साथ में जितनी भी गाडि़यां थीं, सबके शीशे फोड़ दिए गए हैं. मोबाइल को नष्ट कर दिया गया है. उनका अपना मोबाइल भी टूट गया है.
पप्पू यादव ने डेढ़ महीने पहले ही मुजफ्फरपुर में हुए बालिका गृह कांड के खिलाफ नारी सुरक्षा के लिए मधुबनी से पटना तक पदयात्रा करने का ऐलान किया था और ये पद यात्रा गुरुवार को मधुबनी से शुरू होने वाली थी. इसलिए पप्पू यादव मधुबनी जा रहे थे. उन्होंने मुजफ्फरपुर में बंद समर्थकों को समझाने की कोशिश भी की और कहा कि हमारा कार्यक्रम पहले से तय है, जबकि बंद का ऐलान दो दिन पहले हुआ है. हमला होने के बाद पप्पू यादव ने जिले के सभी अधिकारियों से बात करने की कोशिश की लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया.
मधेपुरा से सांसद पप्पू यादव ने कहा कि उन पर किया गया अटैक पहले से प्लान किया मालूम हो रहा है. निश्चित तौर पर इसमें ब्रजेश ठाकुर के गुंडे शामिल रहे होंगे. मुजफ्फरपुर महापाप की लड़ाई लड़ने के कारण उन्हें धमकी दी जा रही थी.