बिहार के मधेपुरा संसदीय क्षेत्र से आरजेडी सांसद पप्पू यादव ने डॉक्टरों की मनमानी से तंग आकर सीधी लड़ाई छेड़ दी है. उन्होंने गुरुवार को ऐलान किया कि वह या उनकी सांसद पत्नी रंजीता रंजन आज के बाद कभी निजी डॉक्टर या अस्पताल में इलाज नहीं करवाएंगे. पटना में आयोजित महाधरना में यादव ने कहा कि वह अब सिर्फ सरकारी अस्पताल में ही अपना इलाज करवाएंगे.
आरजेडी सांसद ने कहा कि यह महाधरना डॉक्टरों की मनमानी और कुकुरमुत्ते की तरह उग रहे नर्सिंग होम के खिलाफ है. महाधरना में पप्पू यादव अपनी युवा वाहिनी के सैंकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठे. अपने चिरपरिचित अंदाज में यादव ने डॉक्टरों को निशाने पर लिया और कहा, 'जब तक लुटेरे और मरीजों का खून चूसने वाले डॉक्टर और कुकुरमुत्ते की तरह उगते नर्सिंग होम बंद नहीं होते, आंदोलन जारी रहेगा.'
सांसद ने 13 अक्टूबर को सहरसा में डॉक्टरों के खिलाफ जन अदालत भी बुलाई है. बताया जाता है कि इसमें डॉक्टरी को कमाई का पेशा बनाने वाले, जांच के नाम पर खून चूसने वाले, बेलगाम फीस और जांच के बहाने कमाई करने वाले डॉक्टरों के खिलाफ खुली सुनवाई होगी.
दसूरी ओर, पप्पू यादव ने पीएमसीएच में डॉक्टरों के निलंबन को सही ठहराया और कहा कि मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने खुद उनकी बाद पर मुहर लगा दी है. औचक निरीक्षण के दौरान मांझी ने कहा था कि पीएमसीएच में न तो डॉक्टर हैं, ना दवाई और न ही मरीजों के लिए सुविधाएं.