पटना शहर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के धीमी गति से निर्माण कार्य पर असंतोष जताते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हषर्वर्धन ने इसे इस साल के अंत तक हर हाल में पूरा किए जाने का निर्देश दिया ताकि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन 25 दिसंबर को यह राष्ट्र को समर्पित किया जा सके.
पटना के फुलवारी शरीफ स्थित एम्स का शनिवार को निरीक्षण करने से पूर्व पत्रकारों से बातचीत में हर्षवर्धन ने कहा, ‘वे अधिकारियों को निर्देश देंगे कि इसका निर्माण कार्य युद्धस्तर पर करते हुए इसे साल के अंत तक किसी भी कीमत पर पूरा कर लिया जाए ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन के अवसर पर आगामी 25 दिसंबर को इसे देश को समर्पित कर सकें.’ वाजपेयी ने वर्ष 2004 में अपने प्रधानमंत्रित्वकाल में पटना सहित देश के अन्य भागों में कुल छह एम्स खोले जाने की योजना की परिकल्पना की थी.
बीते सालों में पटना एम्स निर्माण कार्य का समय पांच बार बढ़ाया गया लेकिन अब तक यह पूरा नहीं हो पाया है. इस संबंध में पूछे जाने पर हर्षवर्धन ने कोई भी टिप्पणी करने से इंकार करते हुए कहा कि देश में पिछले दस सालों के दौरान अन्य सरकार थी इसलिए वे इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते.
पटना एम्स के निरीक्षण के दौरान हर्षवर्धन ने वहां जारी निर्माण कार्य का जायजा लिया और चिकित्सकों व छात्रों से मुलाकात की.
उन्होंने यह भी कहा कि यहां के शोधकर्ता और चिकित्सक कालाजार और एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) की रोकथाम की दिशा में बड़ी भूमिका निभा सकेंगे.
हर्षवर्धन ने बताया कि एम्स दौरे के बाद वे प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के साथ मुजफ्फरपुर जाकर वहां के श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती AES रोगियों को दी जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं का मुआयना करेंगे और अधिकारियों से बातचीत करेंगे. उन्होंने बताया कि मुजफ्फरपुर के अपने दौरे के दौरान वे अमेरिका के अटलांटा स्थित ‘सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेन्शन’ तथा दिल्ली स्थित ‘नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल’ के विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं से बातचीत करेंगे.
हर्षवर्धन ने कहा कि कल वे AES से प्रभावित जिलों में टीकाकरण अभियान का उद्घाटन करेंगे. इसके बाद वे आने वाले समय में प्रदेश व प्रभावित जिलों के लिए रणनीति बनाकर उसके अनुरूप कार्य किए जाने के लिए योजनाएं बनाएंगे.
बिहार में अब तक AES बीमारी से छह वर्ष की उम्र के करीब 130 बच्चों की मौत हो चुकी है और इस रोग से ग्रसित 700 बच्चे मुजफ्फरपुर जिला के श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज और केजरीवाल अस्पताल में भर्ती हैं.
AES रोग से सबसे अधिक प्रभावित जिला मुजफ्फरपुर और उसके आसपास के जिले - वैशाली, समस्तीपुर, सीतामढ़ी, शिवहर और पूर्वी चंपारण हैं. लेकिन यह रोग अब राज्य के भागलपुर जिला सहित उसके पड़ोसी जिले - खगड़िया और मधेपुरा में भी अपना पांव पसार चुका है.
इससे पूर्व बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष अरुण अग्रवाल के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात कर उन्हें एक ज्ञापन सौंपा और प्रदेश की आबादी के अनुपात में दो एम्स खोले जाने सहित स्वास्थ्य से जुड़ी अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने का अनुरोध किया.