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पटना बना डेंगू का नया कैपिटल

बिहार में डेगू का डंक इस कदर फैला है कि उसकी राजधानी पटना अब तेजी से डेंगू कैपिटल बनती जा रही है. सबसे ज्यादा प्रभावित खुद नीतीश कुमार का जिला नालंदा है और आलम ये है कि बिहार के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में डेंगू मरीजों के लिए बेड कम पड़ गए हैं और अस्पताल प्रशासन इसे महामारी की संज्ञा दे रहा है.

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बिहार में डेगू का डंक इस कदर फैला है कि उसकी राजधानी पटना अब तेजी से डेंगू कैपिटल बनती जा रही है. सबसे ज्यादा प्रभावित खुद नीतीश कुमार का जिला नालंदा है और आलम ये है कि बिहार के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में डेंगू मरीजों के लिए बेड कम पड़ गए हैं और अस्पताल प्रशासन इसे महामारी की संज्ञा दे रहा है.

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बिहार के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में डेंगू वार्ड़ की हालत देखकर अंदाजा हो जाएगा कि आखिर यहां डेंगू का डंक कितनी तेजी फैला है. डेंगू वार्ड में मरीजों के बिस्तर कम पड़ गए हैं और हालत ये है कि मरीजों का इलाज जमीन पर ही हो रहा है. पिछले एक पखवाड़े मे 400 से ज्यादा पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं जिसमे एक की मौत पीएमसीएच में जबकि 7 लोगों की मौत अलग-अलग अस्पतालों में हो चुकी है.

पटना में सिर्फ पीएमसीएच में 40 मरीज हैं, जबकि बेड इसके मुकाबले काफी कम. ऐसे में अस्पताल प्रशासन के मुताबिक हालात गंभीर हैं, बेड की कमी पड़ गई है और डेंगू महामारी का रूप ले सकता है. पीएमसीएच सुपरिटेंडेंट अमरकांत झा कहते हैं, 'जिस रफ्तार से डेंगू के मरीज बढ़े हैं वो चौंकाने वाला है. ऐसा लगता है यही वजह है कि अस्पताल में बेड की कमी पड़ गई है.'

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बिहार के आधे दर्जन जिलों में डेंगू का डंक तेजी से फैला है. मुख्यमंत्री का जिला नालंदा में सबसे ज्यादा प्रभावित है जहां लगभग 100 मरीज डेंगू पॉजिटिव मिले हैं. सोमवार को नालंदा के नूरसराय मे डेंगू से हुई मौत के बाद तो लोग सड़कों पर आ गए.

अभी बिहार मे सिर्फ पीएमसीएच में डेंगू के इलाज की अलग व्यवस्था जबकि पूरे राज्य में सरकारी अस्पताल लड़ने में सक्षम नहीं हैं. बहरहाल सरकार इससे निबटने के चाहे जितने दावे करे, सच्चाई ये है कि एक तो डेंगू दूसरे गंदगी ने हालात खराब कर रखे हैं औऱ सरकार की प्राथमिकता में इसकी चिंता नहीं दिख रही.

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