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पटना सीरियल ब्‍लास्‍ट मामले में गवाह NIA को चकमा देकर हुआ फरार, फिर गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं

पटना के सिलसिलेवार बम ब्‍लास्‍ट मामले का एक गवाह बिहार पुलिस और राष्ट्रीय जांच एजेंसी की हिरासत से फरार हो गया है. मेहरार आलम नाम के इस शख्‍स की विस्फोट में भूमिका की भी पड़ताल की जा रही है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस शख्‍स की फिर से गिरफ्तार हो गई है, पर इस बात की पुष्टि अब तक नहीं हो सकी है.

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पटना सीरियल ब्‍लास्‍ट का संदिग्‍ध
पटना सीरियल ब्‍लास्‍ट का संदिग्‍ध

पटना के सिलसिलेवार बम ब्‍लास्‍ट मामले का एक गवाह बिहार पुलिस और राष्ट्रीय जांच एजेंसी की हिरासत से फरार हो गया है. मेहरार आलम नाम के इस शख्‍स की विस्फोट में भूमिका की भी पड़ताल की जा रही है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस शख्‍स की फिर से गिरफ्तार हो गई है, पर इस बात की पुष्टि अब तक नहीं हो सकी है.

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ये है मेहरार के पिता का दावा...
इस बीच, मेहरार आलम के पिता ने कहा है कि 23 अक्‍टूबर को एनआईए की टीम मेहरार को पकड़ कर ले गई थी. उसके पिता के मुताबिक, उस शाम को एनइआईए ने उसे दरभंगा ले जाकर छोड़ दिया था. एनआईए ने उसे अपना मोबाइल नंबर दे दिया था. एनआईए ने मेहरार को फोन कर उसे बोधगया बुलाया. बाद में मेहरार को फिर पटना बुलाया गया.

मेहरार के पिता के मुताबिक, मेहरार को उनके गांव के मुखिया और कुछ अन्‍य लोग उसे पटना लेकर गए, जहां से एनआईए टीम उसे अपने साथ ले गई. उसके बाद से मेहरार का कोई अता-पता नहीं है.

जांच एजेंसी का ब्‍योरा अलग
इस घटना का विस्तृत ब्योरा देते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अपने बयान में कहा कि बिहार के दरभंगा निवासी मेहरार आलम को गवाह के तौर पर 29 अक्‍टूबर को प्रतिबंधित आतंकी संगठन की अवैध गतिविधियों के सिलसिले में एजेंसी के सामने हाजिर होने का नोटिस दिया गया था.

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बयान के अनुसार, मेहरार आलम एनआईए की टीम के सामने खुद हाजिर हुआ, जो सीरियल ब्‍लास्‍ट के सिलसिले में पटना में डेरा डाले हुए थी. उसने दावा किया कि एक आरोपी और आईएम आतंकी हैदर अली मुजफ्फरपुर के मीरपुर गांव में छिपा हुआ है.

मेहरार आलम समेत एनआईए की टीम और बिहार पुलिस 29 और 30 अक्‍टूबर की रात को मीरपुर गांव पहुंची, लेकिन उसे खाली हाथ लौटना पड़ा, क्योंकि आरोपी नहीं मिला. टीम मुजफ्फरपुर लौट आई और सिद्धार्थ लॉज में ठहरी, जहां एक कमरे में आलम भी रुका.

बयान के अनुसार, बुधवार तड़के आलम बहाना बनाकर अपने कमरे से बाहर निकला और वापस नहीं आया. आसपास के इलाके में तलाशी करने के बाद एनआईए की टीम ने स्थानीय पुलिस थाने के एसएचओ को इस बारे में जरूरी कार्रवाई के लिए सूचना दी.

एजेंसी ने कहा कि आलम को गवाह के तौर पर बुलाया गया था और एनआईए ने उसे गिरफ्तार नहीं किया था, इसलिए उसके एजेंसी की हिरासत से भागने का सवाल ही नहीं उठता है.

एनआईए के अधिकारियों ने कहा कि रविवार को बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी की रैली में विस्फोट के सिलसिले में एजेंसी ने अभी मामला दर्ज नहीं किया है, जिसमें छह लोग मारे गए थे और 82 अन्य घायल हो गए थे.

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इसी मामले में एक अन्य घटनाक्रम में एक अन्य संदिग्ध को दिल्ली में उस समय हिरासत में लिया गया, जब वह अपनी पाकिस्तानी पत्नी को हवाई अड्डे पर छोड़ने गया था.

संदिग्ध मोहम्मद आफताब पटना विस्फोट मामले में एक अन्य संदिग्ध उज्जैर अहमद का रिश्तेदार है, जिसे बुधवार को रांची से गिरफ्तार किया गया था और पुलिस रिमांड में ले जाया गया. सूत्रों ने बताया कि इस मामले में गिरफ्तार पहले आरोपी इम्तियाज ने उस साजिश के बारे में सुराग दिया था, जिसे प्रतिबंधित संगठन इंडियन मुजाहिदीन ने बिहार में साम्प्रदायिक दरार डालने के लिए रची थी.

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