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DM की चिट्ठी ने खोली बिहार सरकार के दावों की पोल, तेजस्वी बोले- कब जागिएगा मुख्यमंत्री जी?

पटना के डीएम की एक चिट्ठी सामने आई है, जिससे साफ है कि पटना में ऑक्सीजन की उपलब्धता, जरूरत की तुलना में काफी कम है. वहीं, तेजस्वी ने ट्वीट कर कहा कि जब मैं खाली पड़े पदों पर बहाली की मांग करता था, तब आप मेरा मजाक उड़ाते थे.

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (फाइल फोटो-PTI)
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (फाइल फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पटना के डीएम की चिट्ठी आई सामने
  • उन्होंने लिखा, ऑक्सीजन की कमी है

अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी को लेकर याचिकाओं की सुनवाई कर रहा पटना हाईकोर्ट बीते कुछ दिनों से लगातार बिहार सरकार को फटकार लगा रहा है. ऑक्सीजन उपलब्धता को लेकर सरकारी दावों पर बुधवार को कोर्ट ने ऐतराज जताते हुए पूछा था कि अगर ऑक्सीजन उपलब्ध है तो उसकी कमी से लोगों की मौत कैसे हो रही है?

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अब पटना के डीएम की एक चिट्ठी सामने आई है, जिससे साफ है कि पटना में ऑक्सीजन की उपलब्धता, जरूरत की तुलना में काफी कम है. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखकर तकनीकी विशेषज्ञ समूह से ऑक्सीजन की कुल मांग, वास्तविक आवश्यकता और उपलब्ध ऑक्सीजन का ऑडिट कराने का अनुरोध किया है. 

उन्होंने लिखा है कि PMCH, NMCH और IGIMS अस्पतालों द्वारा प्रतिदिन 1,000 प्रति मेडिकल कॉलेज की दर से कुल 3,000 जंबो मेडिकल सिलेंडर की मांग की जा रही है. लेकिन PMCH और NMCH को 2,000 जबकि IGIMS को 600 सिलेंडर (कुल 2,600) उपलब्ध कराए जा रहे हैं. इसके अलावा 90 निजी अस्पतालों में भी प्रतिदिन 4,000 सिलेंडरों की मांग है. जबकि जिले में उपलब्ध ऑक्सीजन उत्पादन की कुल क्षमता 7,000 सिलेंडर प्रतिदिन की है. जिला, अनुमंडल और डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर की मांग के साथ ही नॉन कोविड अस्पतालों में मरीजों के लिए ऑक्सीजन शामिल करने के बाद ऑक्सीजन की कुल मांग की तुलना में उपलब्धता काफी कम हो जाती है.

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DM ने बताया है कि उद्योग विभाग से प्रतिदिन 1,770 अतिरिक्त सिलेंडर उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है. साथ ही स्वास्थ्य विभाग से मेडिकल कॉलेजों में लिक्विड ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक लगाने का अनुरोध भी किया है. लेकिन ये उपाय होने तक उपलब्ध ऑक्सीजन का अधिकतम कुशलता के साथ उपयोग किया जा सके, इसके लिए तकनीकी विशेषज्ञ समूह से ऑडिट कराया जाए.

पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार को अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. कोर्ट खुद इसकी मॉनिटरिंग कर रहा है. इसके लिए एक तीन सदस्यीय एक्सपर्ट कमेटी भी बनाई गई है, जो अपनी रिपोर्ट कोर्ट में सौंप रहा है.

तेजस्वी यादव का भी नीतीश सरकार पर हमला

बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर राजद नेता और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर हमला बोला है. तेजस्वी ने ट्वीट कर कहा, "नीतीश सरकार ने माननीय उच्च न्यायालय में वही कहा है जो मैं कई वर्षों से कह रहा हूं कि बिहार में 57% डॉक्टर, 71% नर्स, 72% लैब टेक्नीशियन, 50% ANM और आज सबसे महत्वपूर्ण गिने चुने वेंटिलेटर चलाने के लिए 80% ऑपरेटरों की कमी है.
अब कब जागिएगा माननीय मुख्यमंत्री जी? कृपया जागिए."

तेजस्वी ने एक दूसरे ट्वीट में लिखा, "जब मैं स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभागों में रिक्त पड़े लाखों पदों की बहाली की आस लगाए युवाओं को चुनावों में विश्वास दिला रहा था तब आप बड़े अहंकार से कहते थे- "उसको कुछ पता है? कहां से इतने लोगों को बहाल करेगा?" आज उसी तेवर और अहंकार से उच्च न्यायालय को आप जवाब क्यों नहीं देते?"

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