बिहार के सीएम नीतीश कुमार शराबबंदी के फैसले को बड़ी उपलब्धि के तौर पर पेश करने का कोई मौका नहीं चूकना चाहते. इसी कवायद में बिहार सरकार ने 21 जनवरी को मानव श्रृंखला का नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का इरादा किया था. लेकिन इस आयोजन पर अब कानूनी अड़ंगा लगता दिख रहा है.
सरकारी आयोजन में स्कूली बच्चे क्यों?
बुधवार को पटना हाईकोर्ट ने इस मामले में तल्ख रुख इख्तियार किया. अदालत ने पूछा कि राज्य सरकार मानव श्रृंखला के लिए स्कूली बच्चों का इस्तेमाल क्यों कर रही है? कोर्ट ने पूछा कि मानव श्रृंखला के दौरान बिहार के सभी नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे 5 घंटे के लिए बंद करने का फैसला किस कानून के तहत लिया गया है?
दायर हुई थी याचिका
बुधवार को मानव श्रृंखला कार्यक्रम के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर हुई थी. याचिका में वकील शशि भूषण ने कार्यक्रम में स्कूली बच्चों को बुलाने और इसके लिए सड़कें बंद करने पर सवाल खड़े किए थे. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस दिनेश कुमार की बेंच याचिका पर गुरुवार को भी सुनवाई जारी रखेगी. सरकार को अदालत के पूछे सवालों का जवाब इस सुनवाई के दौरान देना होगा.
क्या है कार्यक्रम?
नीतीश सरकार ने 21 जनवरी को शराबबंदी के समर्थन में करीब 2 करोड़ लोगों की मानव श्रृंखला बनाने का फैसला किया है. इसके लिए सुबह 9 बजे से लेकर दोपहर 3 बजे तक सभी राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों को बंद रखने का आदेश जारी किया गया है.