पार्टी विरोधी गतिविधियों और क्रॉस वोटिंग के कारण जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) से निलंबित चार विधायकों को पटना हाई कोर्ट ने फिर से बहाल कर दिया है. हाई कोर्ट ने मंगलवार को बिहार विधानसभा अध्यक्ष के उस फैसले को रद्द कर दिया, जिसके तहत ज्ञानेंद्र सिंह, नीरज बबलू, रवींद्र राय और राहुल सिंह की सदस्यता रद्द कर दी गई थी.
इन विधायकों को राज्यसभा चुनाव में पार्टी के खिलाफ वोट डालना महंगा पड़ा था. विधायकों पर चुनाव में एक निर्दलीय उम्मीदवार को सपोर्ट करने के आरोप लगे थे, जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने उन्हें बर्खास्त कर दिया था.
नवबंर 2014 में हुई इस कार्रवाई को बागी विधायकों ने तुगलकी फरमान बताया था. विधायकों ने तब कहा था कि वो न्याय के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. बागी विधायकों ने कहा था कि पूर्व सीएम नीतीश कुमार तानाशाह की तरह व्यवहार कर रहे हैं और उनके रिमोट से कारण विधानसभा स्पीकर ने यह फैसला लिया. विधायकों ने स्पीकर को 'नीतीश का एजेंट' भी बताया था.