पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बिना ट्रॉली के ऑक्सीजन लगे बच्चे को ले जाने की खबर को लेकर बिहार विधान परिषद में जमकर हंगामा हुआ. इस खबर के आजतक पर दिखाए जाने के बाद आरजेडी ने मामले को लेकर हंगामा किया. विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि हमने इस खबर को ट्वीट किया. उन्होंने कहा कि विधानसभा में मैने इसका पुरजोर विरोध किया. वहीं जनता दल यू इस पूरे मामले पर बचाव की मुद्रा में दिखी. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि जो भी इस मामले में दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जायेगी.
बिहार के सबसे बड़े अस्पताल पटना मेडिकल कॉलेज के परिसर के इस दृश्य को देखकर हर कोई सकते में है. गोद में ऑक्सीजन मास्क लगा बच्चा और उसके पीछे ऑक्सीजन सिलेंडर ढोते दो लोगों वाले दो मिनट के इस वीडियों को आजतक ने दिखाकर यह साफ कर दिया था कि बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था की क्या स्थिति है. दावे चाहे लाख कर लीजिए लेकिन हकीकत यही है. बच्चा वार्ड से इस बच्चे को पीएमसीएच स्थित हार्ट विभाग में ईसीजी के लिए ले जाया जा रहा था. इस दृश्य की गूंज बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में सुनाई दी. विधानपरिषद में आरजेडी ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया. दूसरी तरफ प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने विधानसभा में इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश की.
उन्होंने कहा कि हमने ट्वीट भी किया है, विधानसभा में ज्यादातर सवाल इन्हीं तीन मुद्दों पर थे, न तो पूरे डॉक्टर हैं, न ही वेंटिलेशन की भरपूर सुविधाएं हैं और जो प्रॉपर इंफ्रास्ट्रक्चर होना चाहिए वो भी नहीं है. मंगल पांडे जब से स्वास्थ्य मंत्री बने हैं, नकली दवाओं पर रेड मारा जाता था वो अब बंद हो गया, हम और आप बीमार पड़ेंगे वो नकली दवा खाकर ही पड़ेंगे. नकली दवाओं का जितना काम हो रहा है, सरकार के संरक्षण में हो रहा है.
उन्होंने कहा कि जब तेजप्रताप जी स्वास्थ्य मंत्री थे तब नकली दवाओं पर सबसे ज्यादा रेड हुआ है. मंगल पांडे जी आकर नकली दवा माफियाओं के संरक्षण देते हैं और यही लोग उस वक्त हल्ला करते थे. आज देख लीजिए क्या स्थिति हो रहा है. स्ट्रेचर की कमी है, कंधे पर बच्चे को ले जाया जा रहा है. मास्क से लेकर ऑक्सिजन तक और डॉक्टरों की कमी पर हमने विधानसभा में पूरजोर विरोध किया है.
गुरूवार को पटना मेडिकल कालेज अस्पाल में दोपहर करीब 12.30 बजे 8 महीने के बच्चे को गोद में लिए एक पिता उसका ईसीजी कराने जा रहा था. उसके पीछे दो लोग ऑक्सीजन का सिलेंडर पकड़े हुए थे. बच्चे को ऑक्सीजन मास्क लगा था. पूछने पर पता चला कि बच्चा वार्ड की सिस्टर ने कहा है कि ऐसे ही ले जाकर इसका ईसीजी करा कर लायें. लेकिन खुदा न खास्ता कहीं बीच में ऑक्सीजन का पाईप खींच जाता तो क्या होता.
जनता दल के प्रवक्ता इस मुद्दे पर बचाव की मुद्रा में दिखे. उन्होंने कहा कि किसी लाचार व्यक्ति को अस्पताल की सुविधा से महरूम किया जाना हमारे लिए चिंता की बात है. इसको स्वास्थ्य विभाग ने गंभीरता से लिया है और जिनकी लापरवाही है उनके खिलाफ कार्रवाई जरूर होगी. कार्रवाई होगी मैं ये जिम्मेवारी के साथ कर रहा हूं.
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय इस सवाल से लगातार बचते रहे लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि इस मामले में जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई होगी. पीएससीएच के अधीक्षक इस मामले की गंभीरता से जांच कर रहें हैं. शाम को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने कहा कि यह दुखद तस्वीर है. मेरा यह भी अनुरोध होगा कि थोड़ा संतोष रखने की भी जरूरत है. जब कुछ मांगते हैं तो उसका इंतजामात करने में कुछ वक्त लग जाता है. व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए, बेहतर प्रबंधन लगाने के लिए, मैन पावर में जो कमी है उसको दूर करने के लिए कोशिश और सुधार निरंतर जारी है.