बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने रामचरितमानस पर विवादित बयान दिया. उन्होंने रामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया. बता दें कि नीतीश कुमार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर आरजेडी के मधेपुरा से विधायक हैं. उनका इस तरह का बयान सामने आने के बाद सियासी बवाल मच गया है.
राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह और शिवानंद तिवारी के बीच आज राजद दफ्तर में जमकर विरोधाभास दिखाई दिया. जगदानंद सिंह ने कहा कि रामायण में बहुत अच्छी बातें हैं, लेकिन उसमें कचरा भी है. उस कचरे को साफ करना पड़ेगा, जो सवाल चंद्रशेखर ने उठा दिया है.
बंद कमरे में दोनों नेताओं के बीच हुई बहस
इसी दौरान पास में बैठे शिवानंद तिवारी ने कहा कि उसमें हीरा मोती भी है. वहीं जगदानंद सिंह ने कहा कि देश में इस बयान की निंदा नहीं हो रही है, गंदे लोग इसकी निंदा कर रहे हैं. इसी बीच शिवानंद तिवारी ने कहा कि अगर कोई कहे कि सिर्फ रामचरितमानस से घृणा फैलती है तो मैं व्यक्तिगत रूप से इस बयान के साथ नहीं हूं.
उन्होंने कहा कि पार्टी के अंदर ये तय हुआ है कि पार्टी इसका समर्थन नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि हम भी इस पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं. इस पर एक मीटिंग तय होनी चाहिए और उस मीटिंग में तेजस्वी भी रहें. इस मीटिंग में तय होना चाहिए कि पार्टी की क्या राय है.
उन्होंने कहा कि चंद्रशेखर को अपनी बात रखने का अधिकार है, लेकिन जिसने जीभ काटने की बात कही है, उस पर कार्रवाई होनी चाहिए. राम यहां कण-कण में व्याप्त हैं. ये कहना कि नफरत फैलाने वाला ग्रंथ है, यह उचित नहीं है.