फिल्मी ‘सिंघम’ की तरह पटना के सिटी एसपी शिवदीप लांडे ने रविवार को एक कथित भ्रष्ट पुलिस अफसर को धर दबोचा था. लेकिन उनकी इस कार्रवाई और कार्यशैली पर अब सवाल भी उठने लगे हैं. पटना के सीनियर एसपी जितेंद्र राणा ने माना है कि उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ हुई यह घटना खेदजनक है.
राणा का कहना है कि पुलिसवाले के साथ संवेदनशीलता के साथ बर्ताव होना चाहिए था. एसएसपी के मुताबिक अभी तक उत्तर प्रदेश पुलिस के इंस्पेक्टर पर कोई आरोप नहीं है. ना ही उनके पास से कुछ बरामद ही हुआ है और न तो गिरफ्तारी हुई है. हालांकि एसएसपी ने कहा कि मामले की जांच जारी है और ये मामला सही भी हो सकता है या फिर व्यवसाई द्वारा जांच में बाधा डालने की कोशिश भी हो सकती है.
एसएसपी ने बताया कि यूपी पुलिस के इंस्पेक्टर को शहर के डाकबंगला चौराहे पर पकड़ा गया और उस पर मैंने सिटी एसपी से रिपोर्ट मांगी थी. उनकी रिपोर्ट आई है और उसकी समीक्षा हो रही है. व्यवसाई ने इंस्पेक्टर पर रिश्वत मांगने का आरोप तो लगाया, लेकिन गिरफ्तारी के वक्त इंस्पेक्टर के पास से कुछ भी बरामद नहीं हुआ.
उन्होंने कहा, डिटेल रिपोर्ट में ही पता चलेगा कि आखिर यह पूरा मामला क्या है और कैसे यह कैमरे के सामने हुआ. एसएसपी ने बताया कि पूरी रिपोर्ट को राज्य पुलिस मुख्यालय और यूपी पुलिस को भी आवश्यक कार्रवाई के लिए भेजा जाएगा. उन्होंने बताया कि इंस्पेक्टर को गिरफ्तार नहीं किया गया है. उन पर कोई आरोप नहीं लगाया गया है, ना ही कोई मामला दर्ज किया गया है. इंस्पेक्टर के पास से कोई रिकवरी नहीं हुई, इसलिए उन्हें तुरंत रिहा कर दिया गया.
राणा ने कहा, मानता हूं कि हमारी पुलिस पर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि जिस तरह से ये कैमरे के सामने हुआ और एक पुलिसवाले के साथ हुआ वह ठीक नहीं है. हमारा महकमा भी कानून से बंधा है. उन्होंने कहा सरकारी कर्मचारी और पुलिसकर्मी के साथ तो और भी ज्यादा संवेदनशील तरीके से बर्ताव होना चाहिए.