पटना यूनिवर्सिटी छात्र संघ का 5 दिसंबर को होने वाले चुनाव में जदयू नेता प्रशांत किशोर के हस्तक्षेप को लेकर विवाद बढ़ गया है. विश्वविद्यालय के कुलपति से मिलने पहुंचे प्रशांत किशोर की कार पर सोमवार रात पटना यूनिवर्सिटी के छात्रों ने हमला बोल दिया जिसमें वह बाल-बाल बचे.
आचार संहिता का उल्लंघन
छात्र संघ चुनाव के लिए प्रचार प्रसार का काम 3 दिसंबर की शाम 5 बजे समाप्त हो गया. नियमों के मुताबिक विश्वविद्यालय परिसर में आचार संहिता लगी हुई है. इसके अनुसार किसी भी राजनीतिक दल का कोई भी नेता विश्वविद्यालय परिसर में नहीं जा सकता है, लेकिन इन नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए प्रशांत किशोर सोमवार शाम पटना विश्वविद्यालय के कुलपति रासबिहारी सिंह से मिलने उनके आवास पर पहुंच गए.
प्रशांत किशोर को लेकर यूनिवर्सिटी के छात्रों में पहले से ही नाराजगी है. जैसे ही उन्हें पता चला कि वह विश्वविद्यालय के कुलपति से मिलने उनके आवास पर पहुंचे हैं वैसे ही सैकड़ों की संख्या में छात्रों ने कुलपति आवास का घेराव किया और प्रशांत किशोर की गाड़ी पर हमला बोल दिया. इस हमले में प्रशांत किशोर की गाड़ी के शीशे चकनाचूर हो गए और पुलिस को काफी मशक्कत के बाद उन्हें विश्वविद्यालय परिसर से सुरक्षित निकाला जा सका.
जानकारी के मुताबिक प्रशांत किशोर ने रासबिहारी सिंह के साथ तकरीबन 3 घंटे तक मुलाकात की. इस दौरान बैठक में मुख्य चुनाव अधिकारी के सलाहकार प्रोफेसर राम शंकर आर्य भी मौजूद थे.
एबीवीपी और जदयू की छात्र ईकाई में टक्कर
बता दें कि इस बार पटना यूनिवर्सिटी छात्र संघ चुनाव में बीजेपी समर्थित अखिल विद्यार्थी भारतीय परिषद (एबीवीपी) के उम्मीदवारों को जदयू छात्र संघ के उम्मीदवार कड़ी टक्कर दे रहे हैं. छात्रसंघ चुनाव में मुख्य मुकाबला बीजेपी बनाम जदयू उम्मीदवारों का बन गया है. ऐसे में प्रशांत किशोर लगातार यूनिवर्सिटी के छात्रों से मुलाकात कर रहे हैं और जदयू के सभी उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने में लगे हैं.
इसी क्रम में सोमवार रात पटना विश्वविद्यालय के कुलपति के साथ उनकी बैठक को जदयू उम्मीदवारों को फायदा पहुंचाने के दृष्टिकोण से देखा जा रहा है. बताया जा रहा है कि प्रशांत किशोर जदयू उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने के इरादे से रासबिहारी सिंह से मुलाकात करने पहुंचे थे. प्रशांत किशोर पर हमला करने के दौरान छात्रों ने जमकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर के खिलाफ नारेबाजी की.
गौरतलब है कि दो दिन पहले छात्र संघ चुनाव के प्रचार के दौरान एबीवीपी और जदयू के कार्यकर्ताओं के बीच जमकर हाथापाई हुई थी. इसमें जदयू छात्र नेता दिव्यांशु भारद्वाज को काफी चोटें आई थी. दिव्यांशु भारद्वाज पर हमले के मामले में पटना पुलिस ने एबीवीपी के राज्य कार्यालय में छापेमारी की थी. इस छापेमारी से तिलमिलाये बीजेपी नेताओं ने प्रशांत किशोर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और आरोप लगाया कि वह छात्र संघ चुनाव में हस्तक्षेप कर रहे हैं.
राज्यपाल से मिले बीजेपी नेता
वहीं प्रशांत किशोर की कुलपति रासबिहारी के साथ मुलाकात करने के विरोध में बीजेपी नेताओं ने सोमवार देर रात राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की. भारतीय जनता युवा मोर्चा के नेता नितिन नवीन के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने लालजी टंडन से मुलाकात की और उन से अनुरोध किया कि वह पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव निष्पक्ष तरीके से करवाएं.