पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही जदयू और बीजेपी के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है. छात्र संघ चुनाव में अध्यक्ष और कोषाध्यक्ष पद जदयू की जीत हुई है. पार्टी नेता इसका पूरा श्रेय जदयू के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर को दे रहे हैं वहीं बीजेपी का कहना है कि प्रशांत किशोर ने छात्र राजनीति में हस्तक्षेप और मैनेजमेंट करके अपने उम्मीदवारों को जीत दिलाई है.
पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में 5 में से 2 सीटें जदयू के पाले में गईं वहीं 3 सीटों पर एबीवीपी ने बाजी मारी. दिलचस्प बात यह है कि ऐसा पहली बार हुआ है कि जेडीयू ने छात्र संघ चुनाव में अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की है वरना पिछले 2 बार से इस पर एबीवीपी का कब्जा रहा है.
जदयू उम्मीदवार मोहित प्रकाश की जीत से अब यह साबित हो गया है कि अपनी पार्टी को पटना विश्वविद्यालय छात्रसंघ जीत दिलाने के लिए प्रशांत किशोर ने जो रणनीति अपनाई थी उसके सामने बीजेपी पूरी तरीके से चित्त हो गई. पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में प्रशांत किशोर की प्रतिष्टा दांव पर लगी थी. क्योंकि पार्टी में शामिल होकर उपाध्यक्ष बनने के बाद यह पहला चुनाव था जिसमें उन्हें अपना जलवा दिखाना था.
5 दिसंबर को हुए चुनाव के कुछ दिन पहले से ही बीजेपी ने इस बात को लेकर एतराज जताना शुरू कर दिया था कि प्रशांत किशोर छात्र संघ चुनाव में हस्तक्षेप कर रहे हैं और लगातार अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के साथ मीटिंग कर रहे हैं. बीजेपी और जदयू के बीच रिश्ते तब और तल्ख हो गए जब चुनाव से 2 दिन पहले प्रशांत किशोर ने पटना विश्वविद्यालय जाकर कुलपति रासबिहारी सिंह के साथ लंबी मुलाकात की थी.
इस बैठक की जानकारी मिलते ही एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने उस दिन कुलपति के आवास का घेराव किया और प्रशांत किशोर पर हमला कर दिया. इस हमले में प्रशांत किशोर बाल-बाल बचे मगर उनकी गाड़ी के शीशे क्षतिग्रस्त हो गए. पुलिस को काफी मशक्कत के बाद प्रशांत किशोर को विश्वविद्यालय से सुरक्षित निकालना पड़ा.
चुनावी जीत के बाद छात्र संघ के निर्वाचित अध्यक्ष मोहित प्रकाश ने मुख्यमंत्री आवास 7, सर्कुलर रोड पर जाकर प्रशांत किशोर से मुलाकात की और उन्हें बधाई दी.
आज तक से खास बातचीत करते हुए मोहित प्रकाश ने अपनी जीत का पूरा श्रेय प्रशांत किशोर को दिया और कहा कि उनकी पार्टी ने उन्हीं के नेतृत्व में यह चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की.
जदयू के प्रवक्ता संजय सिंह ने भी चुनाव परिणाम के बाद बीजेपी पर तगड़ा हमला बोला और कहा कि प्रशांत किशोर के खिलाफ जिस तरीके से बीजेपी के 4 विधायक पीरबहोर थाने में धरने पर बैठे और आचार संहिता का उल्लंघन करने के मामले में प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी की मांग की यह दांव उनके लिए उल्टा पड़ गया.
जदयू प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि बीजेपी घमंडी पार्टी है. संजय सिंह ने इस बात को पूरी तरीके से नकारा कि प्रशांत किशोर ने जदयू के पक्ष में चुनाव में हस्तक्षेप किया. उन्होंने कहा कि अगर उन्होंने चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप किया होता तो जदयू पांचों सीटों पर जीत हासिल करती. संजय सिंह ने कहा कि बीजेपी को इस बात को लेकर बेचैनी है कि शहरी इलाकों में उसका दबदबा होता है मगर वहां भी जदयू के उम्मीदवार ने जीत हासिल की है.
दूसरी तरफ, बीजेपी विधायक नितिन नवीन ने कहा है कि एबीवीपी ने छात्र संघ चुनाव में 3 सीटें अपने दम पर और विपरीत स्थिति में जीती हैं. नितिन नवीन ने कहा कि जेडीयू को इस बात का खुलासा पहले कर देना चाहिए था कि वह छात्र संघ चुनाव प्रशांत किशोर के नेतृत्व में लड़ रही है. जेडीयू पर तंज कसते हुए नितिन नवीन ने कहा कि अगर प्रशांत किशोर के नेतृत्व में पार्टी चुनाव लड़ रही थी तो प्रशांत किशोर को उम्मीदवार भी बना देना चाहिए था.