scorecardresearch
 

बिहार: ललित किशोर ने दिया महाधिवक्ता पद से इस्तीफा, पीके शाही संभालेंगे जिम्मेदारी

बिहार के महाधिवक्ता ललित किशोर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपना इस्तीफा राज्य सरकार को भेज दिया है. कुछ ही देर बाद राज्य सरकार ने बिहार के पूर्व मंत्री प्रशांत कुमार शाही को नया महाधिवक्ता नियुक्त कर दिया है. शाही सोमवार को पदभार संभालेंगे. इससे पहले भी शाही राज्य सरकार के महाधिवक्ता रहे हैं. जबकि ललित किशोर पिछले 17 वर्षों से पटना हाईकोर्ट में विभिन्न पदों पर राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे थे.

Advertisement
X
बिहार सरकार ने पीके शाही को नया महाधिवक्ता बनाया है. (फाइल फोटो)
बिहार सरकार ने पीके शाही को नया महाधिवक्ता बनाया है. (फाइल फोटो)

बिहार के महाधिवक्ता ललित किशोर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपना इस्तीफा राज्य सरकार को भेज दिया है. ललित किशोर पिछले 17 वर्षों से पटना हाईकोर्ट में विभिन्न पदों पर राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे थे. हालांकि, इस्तीफे के पीछे के कारणों का पता नहीं चला है. उन्हें जुलाई 2017 में महाधिवक्ता नियुक्त किया गया था.

Advertisement

फिलहाल, ललित किशोर के इस्तीफा देने के तुरंत बाद राज्य सरकार ने पूर्व शिक्षा मंत्री प्रशांत कुमार शाही को बिहार का नया महाधिवक्ता नियुक्त किया है. प्रशांत कुमार शाही इससे पहले 2005 से 2010 तक महाधिवक्ता के रूप में काम कर चुके हैं जिसके बाद वे नीतीश कुमार सरकार में शिक्षा मंत्री बने थे. प्रशांत कुमार शाही पटना हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता हैं.

बताते चलें कि प्रशांत कुमार शाही ने राज्य सरकार में मंत्री पद से हटने के तुरंत बाद पटना हाईकोर्ट में वकालत शुरू कर दी थी. नीतीश सरकार ने एक बार फिर से प्रशांत कुमार शाही को बिहार का महाधिवक्ता नियुक्त किया है. इस आशय की अधिसूचना राज्य विधि विभाग द्वारा जारी की गई है.

जदयू के टिकट पर लोकसभा का उपचुनाव भी लड़ चुके शाही

न्यूज एजेंसी के मुताबिक, शाही सोमवार को महाधिवक्ता का पदभार ग्रहण करेंगे. शाही की कार्यशैली से प्रभावित होकर ही नीतीश कुमार ने 2010 में सत्ता में लौटने पर उन्हें राज्य मंत्रिमंडल में शामिल किया था. शाही ने शिक्षा, पर्यावरण और योजना जैसे प्रमुख विभागों को संभाला था. इतना ही नहीं, 2013 में उन्होंने जद (यू) के टिकट पर महराजगंज लोकसभा सीट का उपचुनाव भी लड़ा था, लेकिन राजद से बड़े अंतर से हार गए थे. उन्होंने कुछ साल बाद राजनीति छोड़ दी थी, ताकि वे फिर वकालत पर ध्यान दे सकें.

Advertisement

 

Advertisement
Advertisement