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पीएम मोदी का बिहार दौरा, शक्तिशाली इंजन के साथ देंगे करोड़ों की सौगात

मधेपुरा इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव फैक्टरी से निकले इस 12 हजार हॉर्सपावर वाले इंजन से भारतीय रेल की ताकत में इजाफा होगा. इसके साथ ही भारत उन चंद देशों में शामिल हो जाएगा, जिनके पास 12 हजार हॉर्सपावर या उससे ज्यादा क्षमता वाले इलेक्ट्रिक इंजन हैं.

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पीएम नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
पीएम नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने बिहार दौरे में कई योजनाओं का उद्घाटन करेंगे. इसमें देश का पहला हाई स्पीड इलेक्ट्रिक रेल इंजन का लोकार्पण भी शामिल है. साथ ही कई नगर विकास परियोजनाएं भी शामिल हैं.

दोगुनी हो जाएगी भारतीय रेलवे की शक्ति

मधेपुरा इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव फैक्टरी से निकले इस 12 हजार हॉर्सपावर वाले इंजन से भारतीय रेल की ताकत में इजाफा होगा. इसके साथ ही भारत उन चंद देशों में शामिल हो जाएगा, जिनके पास 12 हजार हॉर्सपावर या उससे ज्यादा क्षमता वाले इलेक्ट्रिक इंजन हैं. अबतक रूस, चीन, जर्मनी और स्वीडन जैसे देश ही इसमें शामिल हैं. अब तक भारतीय रेलवे के पास 6 हजार हॉर्सपावर क्षमता वाले इलेक्ट्रिक इंजन थे.

इन योजनाओं का भी शुभारंभ

पीएम इस दौरान कई योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे. इसमें मोतीझील का जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यीकरण और हमसफर एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाने के साथ रेलवे का दोहरीकरण एवं विद्युतीकरण शामिल है.

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प्रधानमंत्री, मोतिहारी से नगर विकास की पांच योजनाओं का शिलान्यास करेंगे. पटना के सैदपुर स्थित सीवरेज नेटवर्क, पटना के पहाड़ी स्थित एसटीपी यानी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, पहाड़ी सीवरेज सिस्टम और पहाड़ी सीवरेज सिस्टम जोन का शिलान्यास शामिल है.

मोदी के साथ केंद्रीय विधि व न्याय एवं आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद भी आ रहे हैं. 1186.06 करोड़ लागत की इन योजनाओं में पटना के सैदपुर और पहाड़ी स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) और सीवरेज नेटवर्क के अलावा मोतिहारी के मोतीझील का पुनर्विकास भी शामिल है.

पटना में 3 सीवरेज नेटवर्क योजनाओं के तहत 381.07 किमी का नेटवर्क पहाड़ी में बनना है. राजधानी की योजनाओं पर 1164 करोड़ की लागत आएगी. पहाड़ी के एसटीपी और दो सीवरेज नेटवर्क का निर्माण केन्द्र की नमामि गंगे योजना के तहत होगा, जबकि सैदपुर सीवरेज नेटवर्क पर 243.17 करोड़ राज्य सरकार खर्च करेगी.

इसके साथ ही कटिहार से दिल्ली के बीच चलने वाली हमसफर एक्सप्रेस का शुभारंभ और मुजफ्फरपुर से वाल्मीकिनगर रेल खंड में रेल लाइन के दोहरीकरण की परियोजना का भी शिलान्यास करेंगे.

सबसे ताकतवर इलेक्ट्रिक रेल इंजन

नए इलेक्ट्रिक इंजन की टॉप स्पीड 110 किमी प्रति घंटा होगी. इससे भारतीय रेल की गति भी तेज होने की संभावना है. इन इंजनों का इस्तेमाल मालगाड़ियों में होगा. इससे मालगाड़ियों की माल ढोने की क्षमता भी बढ़ेगी. आपको बता दें कि फ्रांस की कंपनी alstom के साथ रेलवे के क्षेत्र में पहले एफडीआई के रूप में तैयार मधेपुरा इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव फैक्टरी से अगले 11 साल में ऐसे और 800 इंजन निकलेंगे. इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 20 हजार करोड़ रुपये है.

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कॉन्ट्रैक्ट के तहत पहले 5 इंजन इंपोर्ट होंगे तो वहीं बाकी के 795 इंजन भारत में बनेंगे. इसे मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट की तर्ज पर बनाया जाएगा. 2020 तक मधेपुरा इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव फैक्टरी से 35 इंजन निकलेंगे. उसके बाद 2021 तक 60 इंजन बनेंगे. 2021 के बाद हर साल 100 इंजन के निर्माण का टारगेट रखा गया है.

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