बिहार में बीते दिनों जहरीली शराब पीने से 3 दर्जन से भी ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी और कई लोगों का इलाज अस्पताल में चल रहा है. पश्चिम चंपारण, गोपालगंज, समस्तीपुर और मुजफ्फरपुर में हुए शराब कांड को लेकर नीतीश कुमार सरकार निशाने पर है. इस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जहरीली शराब पीने से हुई मौतों के मामले पर कहा है कि वह शराबबंदी कानून की व्यापक समीक्षा 16 नवंबर को करेंगे और दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा.
दिलचस्प बात यह है कि शराबबंदी कानून को लेकर होने वाली अहम बैठक से ठीक पहले बिहार पुलिस अचानक से हरकत में आ गई है और ताबड़तोड़ छापेमारी और गिरफ्तारियां कर रही है.
बिहार पुलिस की यह कार्रवाई तब हो रही है जब विपक्ष के साथ-साथ बिहार बीजेपी अध्यक्ष डॉ. संजय जयसवाल जो पश्चिम चंपारण से ही सांसद हैं, ने भी आरोप लगाया है कि बिहार में अवैध शराब का कारोबार पुलिस-प्रशासन और शराब माफिया की मिलीभगत से हो रहा है.
जहरीली शराब से हुई मौतों के बाद बिहार पुलिस ने प्रभावित जिलों में अब तक जो भी कार्यवाही की है, उसका ब्यौरा गुरुवार को जारी किया गया. बिहार पुलिस द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक गोपालगंज, पश्चिम चंपारण, समस्तीपुर और मुजफ्फरपुर में पुलिस ने अब तक 1313 ठिकानों पर छापेमारी की है और 487 मामले दर्ज किए हैं.
पुलिस ने सबसे ज्यादा छापेमारी गोपालगंज (496) और पश्चिम चंपारण (493) ठिकानों पर की है. वहीं शराब माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई में अब तक 823 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. सबसे ज्यादा गिरफ्तारी मुजफ्फरपुर (324) और गोपालगंज (275) में की गई हैं.
पुलिस कार्रवाई में अब तक 16,230 लीटर विदेशी शराब और 4,510 लीटर देसी शराब बरामद की गई है. इन सभी जिलों में पुलिस ने 32 अवैध शराब की भट्टियों को भी ध्वस्त कर दिया है.